पैसों की ज़रुरत भी है मुझे, और है नहीं भी मुझे
कम् हो रही कमाई मेरी,क्यों अन्दर ही अन्दर खा रही हैं मुझे, और नहीं भी मुझे,
मगर साथ ही साथ ऐसा कुछ समझा भी रही हैं मुझे!!
फालतू के खर्चों का भोज जो दिल पर डोल रखा हैं उसका एहसास भी करा रही है मुझे, पैसों की ज़रुरत भी है मुझे, और है नहीं भी मुझे
किस्से कहानियों में किसी दानव का नाम सुना था मैंने,
मगर २०२०-२०२१ में इसका एहसास दिला रही हैं मुझे
पैसों की ज़रुरत भी है मुझे, और है नहीं भी मुझे!!!