सब ज़रूरत की बात है…
सब ज़रूरत की बात है…
वरना उसने भी साथ जीने मरने की कसमें खाई थीं…
Enjoy Every Movement of life!
सब ज़रूरत की बात है…
सब ज़रूरत की बात है…
वरना उसने भी साथ जीने मरने की कसमें खाई थीं…
वो खुद भूखा रहकर तुम्हारा पेट सींच रहा है,
देखो आज,
चेहरे पर मुस्कान लिए भीगी पलकें मीच रहा है,
दो वक्त की रोटी, रोटी देने वालों को नसीब नहीं,
वो कौनसा तुम्हारी भारी जेबों से नोट खीच रहा है....
थोड़ी खुशियां उनकी झोली में भी नसीब हो,
आज दूर है कल वापस मिट्टी के करीब हो,
इक सैलाब ने खूब कोहराम मचाया,
ऐसा ना हो के दूसरा भी करीब हो...
