Poetry
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Kaun thi woh || hindi poetry
ना जाने क्यूं हर रात याद वो, रात मुझे अब आती है..
सोने की कोशिश में होता हूं, एकदम बरसात जो जाती है..
ठंडी हवाओं से ठक-ठक करके, खिड़कियाँ भी खुल सी जाती हैं..
बंद करने को उठता हूं, बाहर बूंदें नजर आ जाती हैं..
दरवाजा खोल कर बाहर गया ही था के, अचानक बिजली चली जाती है..
होगया अंदर बाहर अंधेरा, सनसनी सी दौड़ फिर जाती है..
सोचा मौसम का लुत्फ़ उठालू, सर्दी भी बढ सी जाती है..
हाथों को मोडे, हाथों को रगड़ू, रोवाँ भी उठ सी जाती है..
सोच तभी बरसात में मेरी, उसी रात पर चली फिर जाती है..
भीगा हुआ सा भाग रहा था, हर बूंद ये याद दिलाती है..
कपड़े भी कम पहने थे उस दिन, सर्दी एहसास दिलाती है..
सड़क अँधेरी जहाँ कोई नहीं था, सोच के सोच डर जाती है..
पहुचू कैसे अब घर म जल्दी, हड़बड़ी याद आ जाती है..
फिसला भागते हुए अचानक, चीजें बिखर हाथ से जाती हैं..
ढूंढ़ना शुरू किया मैंने उठके, जो इधर-उधर हो जाती है..
चीज़ कौनसी कहां गिरी गई, अँधेरे में नज़र नहीं आती है..
ढूंढ ही रहा था तभी सामने, खड़ी नजर वो आती है..
क्यों हो इस सुनसान सड़क पर, कहां जाना है? पुछ वो जाती है..
गलती से गलत राह को है चुन लिया, हुआ बुरा कहे, दुख जाताती है..
मैं फ़िसल गया, सामान गिर गया, उस से नज़र मेरी हट जाती है..
मैं मदद करु कहकर वो मेरी, मदद में यूं लग जाती है..
जैसी जानती है, पहचानती है, बातें इस कदर बनाती है..
मुझे दिखा भी नहीं, उससे मिल गया सब, सामान वो मुझे थमाती है..
जा पाओगे या राह दिखाउ, उसकी ये बात ही दिल ले जाती है।
पुछा मैंने यहां क्यूं हो जानकर, जब गली सुनसान हो जाती है..
रहती हूँ यहाँ, मेरा घर है यहाँ, पता भी अपना बताती है..
चलो तुम्हें आगे तक छोड़ दूँ, मेरे साथ चलने लग जाती है..
कुछ अपनी बता, कुछ पुछकर मुझसे, मेरा हाल जानना चाहती है..
मुझे राह पर लाकर वो मेरी, इशारे से रास्ता दिखती है..
यहां से चले जाना तुम सीधे, कहकर पीछे मुड़ जाती है..
उसे रोक नाम मैंने पूछा था, बेख़ौफ़ वो मुझे बताती है..
मेरी मदद क्यूं कि जब ये पूछा, मेरी तरफ घूम वो जाती है..
उसे देखने में भीगी पलकें, कई बार झपक मेरी जाती हैं..
तभी सड़क से गुजरी कार की रोशनी, मुझे चेहरा उसका दिखती है..
ना देखा पहले कभी कोई ऐसा, इतनी सुंदर मुझे भी भाती है..
अप्सरा उतरी जैसी स्वर्ग से कोई, वो छवि ना दिल से जाती है..
धड़कन जैसे उसे देख रुक गई, रूह उसे पाना चाहती है..
मेरी जुबां पे जैसा लग गया ताला, कुछ भी बोल नहीं पति है..
उसके तन पर गिरी हर एक बूंद, मोती की याद दिलाती है..
उसकी भीगी जुल्फें तो और भी, मनमोहक उसे बनाती हैं..
उसने कहा ये के ना चाह कर भी, उसे मदद करनी पड़ जाती है..
उसके दिल ने आवाज दी थी, तभी मदद को मेरी आती है..
कुछ और कहु हमसे पहले, मेरी बात काट वो जाती है..
मुझसे अब और तुम कुछ ना पूछना, मेरी राह कहीं और जाती है..
मुमकिन है नहीं ये सोच तुम्हारी, उसे कैसे पता चल जाती है..
मुझे छू कर मेरी आँखों से, ओझल वो कहीं हो जाती है..
मैं नाम पुकारता रह गया बस, ना सामने फिर वो आती है..
ना जाने सोच में कौन थी वो, घर तक की राह कट जाती है..
उस रात के बाद, हर रात मुझे, हर रात याद वो आती है..
किसी को बता नहीं पाया अबतक, मेरी जुबां जरा कतराती है..
ਕਾਗਜ਼ ਦੇ ਪੰਨੇ ✍🏻
ਪੰਨਾਂ ਪੰਨੇ ਨਾਲ ਲੜੇ ਜੇ
ਤਾਂ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਅੱਖਰ ਵੀ ਖੋ ਸਕਦਾ
ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਇਹ ਕਲਮ ਦੀ ਆਖਰੀ ਛੋਰ ਤੋਂ
ਜੇ ਇਹ ਚਾਹਵੇ ਏਵੀ ਤਾਂ ਰੋ ਸਕਦਾ
ਜੇ ਇਹ ਚਾਹਵੇ ਏਵੀ ਤਾਂ ਰੋ ਸਕਦਾ,
ਸ਼ਬਦ ਬਣਾਉਂਦਾ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨਾਲ ਜੁੜ ਕੇ
ਮੁੱਹਬਤ ਜੋੜ ਕੇ ਤੋੜ ਏਵੀ ਸਕਦਾ
ਪੰਨਾਂ ਪੰਨੇ ਨਾਲ ਲੜੇ ਜੇ
ਤਾਂ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਅੱਖਰ ਵੀ ਖੋ ਸਕਦਾ
ਲੱਭਣਾ ਪੈਦਾ ਅੱਖਰਾਂ ਨੂੰ
ਐਵੀ ਹਰ ਕੋਈ ਤਾਂ ਨੀ ਅੱਖਰ ਪਰੋ ਸਕਦਾ
ਐਵੀ ਹਰ ਕੋਈ ਤਾਂ ਨੀ ਅੱਖਰ ਪਰੋ ਸਕਦਾ
ਜੋਤ ਲਿਖਾਰੀ✍🏻
Pyar koi jismo || Love is love
Pyar koi jismo ka khel ya sauda nhi
Yeh toh do dilo ka Milan hota Hai
Jahan do pyar krne wale ek Dono me yuhi khote Hai
Pyar me Kya Umar Kya dharam naahi gender matter krta
Ek ladke ladke se
Ek ladki ladki se v krte pyar
Pr in society waalo se yeh q darte hai
Pyar toh yaaro Dil se Kri jaati
Naaki jismo or paiso se
Pyar ko pyar nhi smjhte
Ghire pde hum waiso se
Hum toh yhi kehte Hai yaaro
Jio toh khulke Jio ek bar Ki yeh jiban
Kya society Kya yeh Duniya
Darna Ni Kabhi kisi se
Aage Bdo khud K liye lado
Ladka ladka ho ya fir ladki ladki
Ek duje K sath hamesha rho
Or pyar pyar hota
naahi jismo or gender ka khel Duniya ko yeh kho
Suneri Bachpan😇
Sb Cheez ka ek wakt hota hai😕
Bachpan ko hi Lelo 🤪
Kya dukh Kya dard 🫣
Sb side pe bs dosto sang khelo🤗
Maasum woh bacche jisne Kabhi kuch na jhela🤓
Unke liye toh hota Har ek din
Khusiyon ka Mela😇
Or baap Ki Jeb Puri bazar 🤪
Or maa Ki kitchen koi Khano ka thela🍗🍔🍟🌭
Woh laamhe woh pal v Anmol hote 😊
Jab koi daat v de toh maa K Godi me jaake rote🥲🥹
Or woh raate v bdi anokhi bin Kahaani sune Kabhi na sote😊
Krte msti Majak or shaitaniya🫣😅
Phir v Masum ban rote🥹
Or un Bdo ka kehna chordo inko
Chlne do bacche toh aise hi hote🫡🤓
Wakt ne wakt hi bdl Diya😢
Ab toh bs yeh Soch K sote kat jaati raate😕
Kash woh Bachpan k wakt firse Laut aate
Maut ek sacchai
Hasi Majak msti toh krte❤️
Pr jara rehna chahiye bachke🤗
Jiban Mili toh maut v milegi❤️
Yhi ek sach Hai😕😇
Aate Hai rote hue pr sbko hasate😢
Pr jaate bin labzo K sbko rulake😕
Jab tak Hai saanse acche Karam kro yaaro🤗
Q Ki maut Kabhi na aati Apne pass bulake🫤
Haste hasao sbnu yaaro😇🤗
Warna rooh v kaap uthegi😵
maut lejayegi tmko rulake😢
Ajeeb h yeh jiban v🙄
Ek paal ko aate rote chillate😖
Pr khtm v wohi kr dete🫡
Kabhi na uthne wale neend me sulake🥱
Aaye hai yaaro toh Karam kro❤️
Kabhi na Jana kisi ko rulake😇
Q Ki maut Kabhi na aati tmko bulake😊
Jeevan me weh tha || जो बीत गई
जीवन में वह था एक कुसुम,
थे उस पर नित्य निछावर तुम,
वह सूख गया तो सूख गया;
मधुवन की छाती को देखो,
सूखीं कितनी इसकी कलियाँ,
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ जो
मुरझाईं फिर कहाँ खिलीं;
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुवन शोर मचाता है;
जो बीत गई सो बात गई!
जीवन में मधु का प्याला था,
तुमने तन-मन दे डाला था,
वह टूट गया तो टूट गया;
मदिरालय का आँगन देखो,
कितने प्याले हिल जाते हैं,
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं,
जो गिरते हैं कब उठते हैं;
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है!
जो बीत गई सो बात गई!
मृदु मिट्टी के हैं बने हुए,
मधुघट फूटा ही करते हैं,
लघु जीवन लेकर आए हैं,
प्याले टूटा ही करते हैं,
फिर भी मदिरालय के अंदर
मधु के घट हैं, मधुप्याले हैं,
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं;
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट-प्यालों पर,
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है, चिल्लाता है!
जो बीत गई सो बात गई!