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दोस्ती क्या है? HIndi lines on dosti

सुख-दुख के अफसाने का
ये राज है सदा मुस्कुराने का
ये पल दो पल की रिश्तेदारी नहीं
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
जिन्दगी में आकर कभी ना वापस जाने का
ना जानें क्यों एक अजीब सी डोर में बन्ध जाने का
इसमें होती नहीं हैं शर्तें
ये तो नाम है खुद एक शर्त में बन्ध जाने का

ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती दर्द नहीं रोने रुलाने का
ये तो अरमान है एक खुशी के आशियाने का
इसे काँटा ना समझना कोई
ये तो फूल है जिन्दगी की राहों को महकाने का
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती नाम है दोस्तों में खुशियाँ बिखेर जाने का

आँखों के आँसूओं को नूर में बदल जाने का
ये तो अपनी ही तकदीर में लिखी होती है
धीरे-धीरे खुद अफसाना बन जाती है जमाने का

ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती नाम है कुछ खोकर भी सब कुछ पाने का
खुद रोकर भी अपने दोस्त को हँसाने का
इसमें प्यार भी है और तकरार भी

दोस्ती तो नाम है उस तकरार में भी अपने यार को मनाने का
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का

Title: दोस्ती क्या है? HIndi lines on dosti

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Badle ch rabb meri jaan le lawe || sacha pyar shayari images || true love

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Tu izzat patt ch rahe hamesha
Meri chahe oh aan shaan le lawe..!!
Tu khush rhe dua karde rehnde haan
Badle ch rabb meri jaan le lawe..!!
Tu izzat patt ch rahe hamesha
Meri chahe oh aan shaan le lawe..!!
Tu khush rhe dua karde rehnde haan
Badle ch rabb meri jaan le lawe..!!

Title: Badle ch rabb meri jaan le lawe || sacha pyar shayari images || true love


Hindi shayari collection || Two line shayari

जो मेहनत करके अमीर होता है, वो जानता है पैसा का कीमत।

जो न मेहनत करके पैसा का मुख देखता है, वो खोता है अपना किस्मत।

चेहरा देख के पाता नहीं लगता, जन्म से भी नहीं।

ढंग और काम देख के पाता चल जाता है, इंसान गलत है या सही।

जैसे सोचोगे, वैसे ही होगा।

भिखारी रोज़ सोचता है, वो कब राजा बनेगा।

बुरा सोच को मन में मत आने दो।

बुरा सोच ही शिखाता है सही रास्ता कहां पर हो।

परिवार में जो अकेले रोजगार करते है, वो सुनाएंगे हमेशा।

टेंशन दिमाग खा लेता है, जो रहता है, वो गुस्सा।

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हर बात में गुस्सा मत हो, करो सही वक्त का इंतज़ार।

जबाब दो एक बात में और बदल दो अनाचार।

मेरे पास फ्लॅट है, गाड़ी है, वो सुनाते रहा।

मेरे पास डिग्री है, मेरा शिष्टाचार ने कहा।

मन भटकती है हवा की तरह बिना किसी उद्देश्य के, उसे कभी मत करो बिश्वास।

लेकिन दिल में हमेशा रहती है सुद्ध बिचार का अहसास। 

जिसे न पसंद है, मन में छुपाके रखो।

सिर्फ खुद को पसंद करो, अच्छे रहो।

शरीर को जैसे रखोगे, वैसे ही रहेगा।

अत्याचार करोगे तो जल्दी मरेगा, अच्छा खिलाओगे तो ज्यादा दिन जियेगा।

जो लोग हँस रहे हैं, हमेशा रहो उसके साथ।

जो लोग रो रहे हैं, मत पकड़ो उसके हाथ।

ज़िन्दगी दो दिन का, हँसो और हँसाते रहो।

सिर्फ मूर्ख रोते हैं, खुद को कहो।

बीमारी धूल की तरह, हवा में घूमती है।

वसूली बारिश की तरह, धूल को भीगा देती है।

चेहरा देख के पता लग जाता है, अंदर में क्या है।

अंदर का सोच ही चेहरा में निकल आता है।

मिटटी की तरह नरम है मनुष्य का मन।

किसी को पता नहीं- कब किसका जूते की छाप लेते है हमारा प्यारा धन।

भावना आग की तरह, इंसान को खा लेता है।

ज्यादा सोचते हुए इंसान पागल हो जाता है।

हम आये थे एक दिन, जाना भी है एक दिन।

सिर्फ चलता हु, बहती हवा में नीरस बीन।

सच्चा इंसान दिल के साथ अपना मन को जोड़ लेता हैं।

दिल और मन अगर अलग रहते हैं, तो इंसान खो जाता हैं।

नौकरी छोड़ो मत।

पहली बार वो खुद आता है, दूसरी बार भी, लेकिन तीसरी बार वो देता है लात। 

ह्रदय हमेशा एक बात ही करता है, जीते रहो।

मन की सोच ही सब कुछ गोलमाल कर देता है।

सही वक्त पर काम अपने से ही हो जाता है।

जो विजेता, वो पहले कोशिश न कर के, इंतज़ार में रहते है।

पिछले ज़माना गुजरा दूसरे की सोच में।

यह ज़माना सिर्फ मेरा है- अगर मैं सुखी, तो दूसरे भी ख़ुशी में।

मशीन के पार्ट्स अगर ख़राब हो गया, बदल लो।

शरीर के पार्ट्स अगर ख़राब हो गया, सम्हाल लो।

खेलों, मन का विकास होगा।

हासों, दिल मजबूत होगा।

देव और दानव मनुष्यों के ह्रदय में रहना हैं।

लड़ाई दूसरे के साथ नहीं, लेकिन खुद के साथ है।

पूजापाठ करने से मन शुद्ध होते है और ह्रदय शांत।

काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और ईर्ष्या का अन्त।

मन अगर हाथी की तरह पागल है, तो खत्म समृद्धि।

हृदय अगर घोड़े की तरह जंगली है, तो विनाश बुद्धि।  

ग्रह नक्षत्र सिर्फ घूमते हैं इधर उधर।

रेखा अपना मुट्ठी में, नाम अपना काम के आधार।

काम पे लगे रहो प्रेम, भक्ति, एकाग्रता और ईमानदारी के साथ।

बारिश होगी आसमान से, फल के बारे में कभी सोचो मत।

दार्शनिक खुद नहीं जानते के वो दार्शनिक है या नहीं।

उसे सिर्फ यह पता है के उसके पागलपन कोई बीमारी नहीं।

 बचपन का बहुत सारे घटनाएं याद आते है।

क्या सही क्या गलत तब पता नहीं था, लेकिन ज़िन्दगी के बारे में अब मुझे सब कुछ पता है।

शब्दों दुश्मन से भी खतरनाक होते हैं।

दुश्मन घायल करते हैं शरीर, लेकिन शब्दों आत्मा को रुलाते हैं।

Title: Hindi shayari collection || Two line shayari