मां की कहानी थी परीयों का फसाना था, …
गाँव के हर कोने मे अपना ठिकाना था |
वो तो उम्रो ने छीन लिया चेहरे की मुस्कुराहट
वरना वो बचपन कितना सुहाना था |
मां की कहानी थी परीयों का फसाना था, …
गाँव के हर कोने मे अपना ठिकाना था |
वो तो उम्रो ने छीन लिया चेहरे की मुस्कुराहट
वरना वो बचपन कितना सुहाना था |
Fikr kiya kro meri muje khayal mein rakho tum
Mein man hoon tumhara zra smbhal ke rakho tum!!
फिक्र किया करो मेरी मुझे ख्याल मे रखो तुम
मै मन हूँ तुम्हारा जरा सम्भाल के रखो तुम!!