मां की कहानी थी परीयों का फसाना था, …
गाँव के हर कोने मे अपना ठिकाना था |
वो तो उम्रो ने छीन लिया चेहरे की मुस्कुराहट
वरना वो बचपन कितना सुहाना था |
Enjoy Every Movement of life!
मां की कहानी थी परीयों का फसाना था, …
गाँव के हर कोने मे अपना ठिकाना था |
वो तो उम्रो ने छीन लिया चेहरे की मुस्कुराहट
वरना वो बचपन कितना सुहाना था |
laali waala chadhda dhalda sooraj
tere warga lagda aa
paaeya ik soott gulabi
tainu baahla fabda aa
ਲਾਲੀ ਵਾਲਾ ਚੜਦਾ ਢਲਦਾ ਸੂਰਜ,
ਤੇਰੇ ਵਰਗਾ ਲੱਗਦਾ ਆ।
ਪਾਇਆ ਇਕ ਸੂਟ ਗੁਲਾਬੀ,
ਤੈਨੂੰ ਬਾਹਲਾ ਫੱਬਦਾ ਆ
सफर वही तक जहाँ तक तुम हो,
नज़र वही तक जहाँ तक तुम हो,
वैसे तो हज़ारों फूल खिलतें हैं गुलशन में मगर,
खुशबू वही तक जहाँ तक तुम हो।🥀❣️