उसने जैसे जैसे कहा, हम करते चले गए,
उसने जहां जहां कहा, हम चलते चले गए,
हमने तो अपनी सांसों की डोर भी उसके हाथों में दे रखी थी,
उसने जैसे जैसे छोड़ा, हम मरते चले गए.
उसने जैसे जैसे कहा, हम करते चले गए,
उसने जहां जहां कहा, हम चलते चले गए,
हमने तो अपनी सांसों की डोर भी उसके हाथों में दे रखी थी,
उसने जैसे जैसे छोड़ा, हम मरते चले गए.
घर मेरा एक बरगद है…..
मेरे पापा जिसकी जड़ है…!!
घनी छायो है मेरी माँ..
यही है मेरे आसमान…!!
पापा का है प्यार अनोखा..
जैसे शीतल हवा का झोका …!!
माँ की ममता सबसे प्यारी …
सबसे सुंदर सबसे नयारी….!!
हाथ पकड़ चलना सिखलाते
पापा हमको खूब घूमते ….!!
माँ मलहम बनकर लग जाती …
जब भी हमको चोट सताती..!!
माँ पापा बिन दुनिया सुनी
जैसे तपती आग की धुनी..!!
माँ ममता की धारा है …
पिता जीने का सहारा है…!!