मैं क्या कहूँ किसी से, मेरे अश्क कहते है मेरी दास्तान !
बाखुदा मेरी हर मंजिल का, इक तू ही तो है रास्ता!
Enjoy Every Movement of life!
मैं क्या कहूँ किसी से, मेरे अश्क कहते है मेरी दास्तान !
बाखुदा मेरी हर मंजिल का, इक तू ही तो है रास्ता!
Main Apni Raah Alag Khud Banake Chalta hoon
Wo Aur Honge Jo Naqshe Qadam Pe Chalte Hain.
Rekhta Pataulvi
हर वक़्त तू ख़ता है तू मेरा है
रात को अंधेरे में रहता सुबह उठा जैसे एक सवेरा है
मत कर अब यू दग़ाबाज़ी , मुझे सब बातों का पता है
हेम अपना बताकर गैरो से बाटीं करना ये कॉन्सी ख़ता है
मत कर ये ढोंग अब मुझे सब बातों का पता है
~shobhit