चार कदम चोर से , चार सौ
कदम चुगलखोर से हमेशा
दूरी बना के रखो |🙌
चार कदम चोर से , चार सौ
कदम चुगलखोर से हमेशा
दूरी बना के रखो |🙌
चुपके से आकर मेंरे दिल में उतर जाते हो,
सांसों में खुशबु बनकर यू बिखर जाते हो😍,
कुछ ऐसा चला है तेरे इश्क का जादू मुझपर,
चारों तरफ बस तुम ही तुम नज़र आते हो…🥰
आओ सुनाओ अपने जीवन की कथा
नाम है पेड़ दूर करता हूं सब की व्यथा
कितना विशाल कितना घना हूं
फल और फूलों से लदा हूं
मेरी ही छाया में आकर
तुम अपनी थकान मिटाते हो
मीठे फल और सुंदर फूल
तुम मुझसे ही ले जाते हो
दूषित हवा तुम मुझको देकर
खुद प्राणवायु मुझसे पाते हो
अपने ही जीवन के आधार पर
तुम कुल्हाड़ी जब बरसाते हो
मुझसे ही मेरा सब कुछ लेकर
तुम दर्द मुझे दे जाते हो
देता हूं बारिश का पानी
हरियाली मुझसे पाते हो
करता हूं इतने उपकार
फिर भी सहता तुम्हारे अत्याचार