जा रहा हूं जिंदगी से अब न लौट के आऊंगा
न कोई चिराग अब जलाऊंगा,न कोई अंधेरा मिटाऊंगा
जो रह गई याद तो उसे नदियों में बहाऊंगा
जो मिल गए राहों में तो रस्ता बदल जाऊंगा
बांधा था जिस रिश्ते से वो रिश्ता तोड़ जाऊंगा
नीर भरे नयनों में एक तड़प छोड़ जाऊंगा
कीचड़ ही सही एक दिन कमल बन खिल जाऊंगा
जा रहा हूं जिंदगी से अब न लौट के आऊंगा