मैं क्या कहूँ किसी से, मेरे अश्क कहते है मेरी दास्तान !
बाखुदा मेरी हर मंजिल का, इक तू ही तो है रास्ता!
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मैं क्या कहूँ किसी से, मेरे अश्क कहते है मेरी दास्तान !
बाखुदा मेरी हर मंजिल का, इक तू ही तो है रास्ता!
ईश्क की बात जो उस रात अधूरी रह गई
एक मुलाकात तेरे साथ अधूरी रह गई
बेवक्त की बारिश में भीगे थे हम
अबकी ये बरसात तेरे बाद अधूरी रह गई💔