मायूसी से भरी सुबह्य
बैचैनी मैं शाम होगी
मुस्कुराना छोड़ कर इक गुम सूम सी जान होगी
आगे बढ़ने के चक्कर मैं कितना सारा छोड़ आए हम
अब तन्हा अच्छा लगता है लगता है बड़े हो गए हम।💯
मायूसी से भरी सुबह्य
बैचैनी मैं शाम होगी
मुस्कुराना छोड़ कर इक गुम सूम सी जान होगी
आगे बढ़ने के चक्कर मैं कितना सारा छोड़ आए हम
अब तन्हा अच्छा लगता है लगता है बड़े हो गए हम।💯
हस कर देखा लोगों के कहने से
समझाया दिल को भी
पर चेहरे पर हंसी युही कहा आती हैं
भुलाना आसान नहीं होता किसी को
जितना यह दुनिया बतातीं हैं
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
Intezaar kar rahe haa maut da
hun ithe mera ji nahi lagda
kariye v ki ithe dardaa ch reh ke
jadon saadi koi ithe kadar ni karda
ਇੰਤਜ਼ਾਰ ਕਰ ਰਹੇ ਹਾਂ ਮੋਤ ਦਾ
ਹੁਣ ਇਥੇ ਮੇਰਾ ਜੀ ਨਹੀਂ ਲੱਗਦਾ
ਕਰਿਏ ਵੀ ਕੀ ਇਥੇ ਦਰਦਾਂ ਚ ਰਹੇ ਕੇ
ਜਦੋਂ ਸਾਡੀ ਕੋਈ ਇਥੇ ਕਦਰ ਨੀ ਕਰਦਾ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷