मायूसी से भरी सुबह्य
बैचैनी मैं शाम होगी
मुस्कुराना छोड़ कर इक गुम सूम सी जान होगी
आगे बढ़ने के चक्कर मैं कितना सारा छोड़ आए हम
अब तन्हा अच्छा लगता है लगता है बड़े हो गए हम।💯
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मायूसी से भरी सुबह्य
बैचैनी मैं शाम होगी
मुस्कुराना छोड़ कर इक गुम सूम सी जान होगी
आगे बढ़ने के चक्कर मैं कितना सारा छोड़ आए हम
अब तन्हा अच्छा लगता है लगता है बड़े हो गए हम।💯
ये दुनिया भी जैसे गोल है ,
यहां रिश्ते भी कुछ ही अनमोल है ।
खुशी वाला लग रहा आज कल माहोल है ,
मानो या ना मानो सबके यहां डबल रोल है ।💯
Yeh Duniya jesi gol hai, Yahan Rishte bhi kuch Anmol hai. Khusiwala lag raha aaj kal Maahol hai, Mano ya na mano sabke yahan Double-role hai...💯