ਚਲ ਦੂਰ ਹੀ ਰਹਿ ਯਰ ਮੇਰੇ ਤੋ ਤੈਥੋਂ ਨਿਬਾਹੀ ਨਹੀਂ ਜਾਣੀ
ਰਹਿਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵੀ Navjot ਦੇ ਨਾਮੇ ਲਾਈ ਨਹੀਂ ਜਾਣੀ
ਮੈਨੂੰ ਪਤਾ ਨਵਿਆ ਪਿੱਛੇ ਪੁਰਾਣੇ ਛੱਡਣ ਦੀ ਆਦਤ ਆ ਤੇਰੀ
ਪਰ ਜੇ ਮੇਰੀ ਆਦਤ ਪੈ ਗਈ ਤੈਥੋਂ ਫੇਰ ਛੁਡਾਈ ਨਹੀਂ ਜਾਣੀ
ਚਲ ਦੂਰ ਹੀ ਰਹਿ ਯਰ ਮੇਰੇ ਤੋ ਤੈਥੋਂ ਨਿਬਾਹੀ ਨਹੀਂ ਜਾਣੀ
ਰਹਿਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵੀ Navjot ਦੇ ਨਾਮੇ ਲਾਈ ਨਹੀਂ ਜਾਣੀ
ਮੈਨੂੰ ਪਤਾ ਨਵਿਆ ਪਿੱਛੇ ਪੁਰਾਣੇ ਛੱਡਣ ਦੀ ਆਦਤ ਆ ਤੇਰੀ
ਪਰ ਜੇ ਮੇਰੀ ਆਦਤ ਪੈ ਗਈ ਤੈਥੋਂ ਫੇਰ ਛੁਡਾਈ ਨਹੀਂ ਜਾਣੀ
मैं ये सोचता हूं मेरा हाल क्या होगा
जब मेरी मां का इंतकाल होगा
अभी तक मैने कोई फर्ज पूरा नहीं किया
अभी तक कोई उसका कोई कर्ज पूरा नहीं किया
मेरे पास अभी वक्त ही नही है
पर वो मुझसे सख्त भी नही है
वो मंजर कैसे देखूंगा
वो बदनसीबी का साल होगा
मेरी मां का जब इंतकाल होगा
ऐ खुदा बस इतनी सी दुआ है मेरी
खुश रहे जब तक मां है मेरी
मैं उस जन्नत में खो जाना चाहता हूं
अपनी मां के आंचल में सो जाना चाहता हूं
ये दौलत नही मैं प्यार लेना चाहता हूं
उससे आशीष को उधार लेना चाहता हूं
मैं पैसे का क्या करूंगा ये माल क्या होगा
जब मेरी मां का इंतकाल होगा
ऐसे खामोश रहूंगा तो वक्त बीत जायेगा
वो बूढ़ी हो जायेगी बुढ़ापा जीत जायेगा
जब तक जिंदा है पूजा करना चाहता हूं
और कोई ना दूजा करना चाहता हूं
अभी भी वक्त है ले लो आशीष को
वरना जीवन भर तुमको मलाल होगा
मैं ये सोचता हूं मेरा हाल क्या होगा
मेरी मां का जब इंतकाल होगा
Toote khuwaab ki tasveer kab poori hoti hai
Chand aur taaro ke beech bhi doori hoti hai
Deena toh uppar wala hame sab kuch chahata hai
Par uski bhi kuch majboori hoti hai