ਨਵਾਂ ਦਿਨ || Nawa din || punjabi poetry was last modified: February 26th, 2023 by Manpreet Singh
Enjoy Every Movement of life!
मैं मौत के हुजूम में पल रहा हूँ
छाव मे ही सही पर काँटों पर चल रहा हूँ
बस से बाहर जा रहा है हालातों का दौर
जीने की ख़्वाहिश लिए पल पल मर रहा हूँ ….
जिंदगी इतने सितम ढाह रही है
और मैं एक मूठी चीनी लिए समुंदर मे फिर रहा हूँ ।
Mann Hi Mann Mein Uss Din Muskuraya Sii,
Jad Tu Pehli Waari Meinu Bulaya Sii !!!♥️
ਮਨ ਹੀ ਮਨ ਮੈਂ ਉਸ ਦਿਨ ਮੁਸਕੁਰਾਇਆ ਸੀ
ਜਦ ਤੂੰ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਮੈਨੂੰ ਬੁਲਾਇਆ ਸੀ !!!♥️