Ik ohde intezar da smaa aa jo beet da nai
te loki kehnde ithe sabh vaqat guzar jande ne
ਇਕ ਉਹਦੇ ਇੰਤਜ਼ਾਰ ਦਾ ਸਮਾ ਆ ਜੋ ਬੀਤ ਦਾ ਨੀ
ਤੇ ਲੋਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਇੱਥੇ ਸਬ ਵਕਤ ਗੁਜ਼ਰ ਜਾਂਦੇ ਨੇ
Ik ohde intezar da smaa aa jo beet da nai
te loki kehnde ithe sabh vaqat guzar jande ne
ਇਕ ਉਹਦੇ ਇੰਤਜ਼ਾਰ ਦਾ ਸਮਾ ਆ ਜੋ ਬੀਤ ਦਾ ਨੀ
ਤੇ ਲੋਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਇੱਥੇ ਸਬ ਵਕਤ ਗੁਜ਼ਰ ਜਾਂਦੇ ਨੇ
paars te pyaar do ajehe ratan ne jo zindagi bna v sakde te tabah kar v sakde aa
bharosa tutteya taa pyaar gayeb je paaras hathon chhutt gya fir sab kujh raakh de brobar hauga
ਪਾਰਸ ਤੇ ਪਿਆਰ ਦੋ ਅਜਿਹੇ ਰਤਨ ਨੇ ਜੋ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਬਣਾ ਵੀ ਸੱਕਦੇ ਤੇ ਤਬਾਹ ਕਰ ਵੀ ਸੱਕਦੇ ਆ,
ਭਰੋਸਾ ਟੁੱਟਿਆ ਤਾਂ ਪਿਆਰ ਗਾਇਬ ਜੇ ਪਾਰਸ ਹੱਥੋਂ ਛੁੱਟ ਗਿਆ ਫ਼ਿਰ ਸੱਭ ਕੁੱਝ ਰਾਖ਼ ਦੇ ਬਰੋਬਰ ਹੋਜੂਗਾ।
✍️ ਸੁਦੀਪ ਮਹਿਤਾ
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
तुम्हारे गुजरे पलों में बेशक मैं नहीं थी
तुम्हारे संग भविष्य की अपेक्षा भी नहीं थी
हां,वर्तमान के कुछ चंद क्षण
साझा करने की ख्वाहिश जरुर थी।
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
देखो, आज फिर उंगलियों ने मेरी
कलम उठाई है
कुछ अनसुनी भावनाओं को संग अपने
समेट लाई है
माना ,मेरे शब्दों ने आहत किया तुम्हें
लेकिन क्या,असल भाव को पहचाना तुमने?
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
उलझ गए तुम निरर्थक शब्दों में
पढ़ा नहीं जो लिखा है कोमल हृदय में
चल दिए छोड़ उसे, तुम अपनी अना में
बंधे थे हम तुम, जिस अनदेखे रिश्ते की डोर में
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
बीत गए कई बारिश के मौसम
क्या धुले नहीं, जमे धूल मन के?
है अर्जी मेरी चले आओ तुम
मेरे भीतर के तम को रोशनी दिखाओ तुम..
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।