Gaur taan kar lai kamli te
Hoyi jaan deewani teri e..!!
Tere piche rul gyi zind masum
Tenu fikar Zara na meri e..!!
ਗੌਰ ਤਾਂ ਕਰ ਲੈ ਕਮਲੀ ‘ਤੇ
ਹੋਈ ਜਾਨ ਦੀਵਾਨੀ ਤੇਰੀ ਏ..!!
ਤੇਰੇ ਪਿੱਛੇ ਰੁਲ ਗਈ ਜ਼ਿੰਦ ਮਾਸੂਮ
ਤੈਨੂੰ ਫ਼ਿਕਰ ਜ਼ਰਾ ਨਾ ਮੇਰੀ ਏ..!!
Gaur taan kar lai kamli te
Hoyi jaan deewani teri e..!!
Tere piche rul gyi zind masum
Tenu fikar Zara na meri e..!!
ਗੌਰ ਤਾਂ ਕਰ ਲੈ ਕਮਲੀ ‘ਤੇ
ਹੋਈ ਜਾਨ ਦੀਵਾਨੀ ਤੇਰੀ ਏ..!!
ਤੇਰੇ ਪਿੱਛੇ ਰੁਲ ਗਈ ਜ਼ਿੰਦ ਮਾਸੂਮ
ਤੈਨੂੰ ਫ਼ਿਕਰ ਜ਼ਰਾ ਨਾ ਮੇਰੀ ਏ..!!
उसकी वो मासूम सी आंखें, कभी-कभी मुझे झूठी सी लगती हैं..
उसकी वो सोच कर बनाई हुई बातें, अक्सर मुझे टूटी सी लगती हैं..
कभी मेरी नाराज़गी पर मुस्कुराती है, कभी प्यार पर रूठी सी लगती है..
कभी उसकी मामूली से हरकत भी मुझे, अनूठी सी लगती है..
कभी उसकी झुकी पलकों में इश्क होता है, कभी उठी सी लगती हैं..
उसके प्यार पर शक नहीं मुझे, फिर भी ना जाने क्यूं, झूठी सी लगती है..
heart rated 💔
यह अधूरा इश्क कब पूरा होगा
होगा भी जा अधूरा रहेगा
ना तुम आए ना पैगाम आया
तुम्हरे पैगाम का कब तक
इंतजार रहेगा
कौन सी जगह है वोह
जहा पर वोह सो गया
ना जाने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया
हम गलियों मै देख आए
ना गलियों मै वोह मिला
हम बात उसकी कर रहे
हमें छोड़ कर जो गया
नाजने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया
हम पहचान बताते हैं उसकी
सफेद रंग और काले घने बाल है।
कहां रहते हैं वोह कोनसे गांव और शहर में
एकेले थे जा कोई नाल है।
काले रंग की पेंट और कमीज़ पहनते है।
एक हाथ मै डायरी और एक हाथ
मे कलम पकड़ कर रखते हैं।
उनकी चाहत सबसे ज्यादा डायरी से
और वोह डायरी को
सिने से जकड़ कर रखते है।
उनका नाम है हर्ष
जो शायरी करते थे
अब तो नाम उनका गुमनाम सा हो गया
ना जाने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया।