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Chupi vich hi khush || Punjabi status || true line shayari

Na jee kare bhuta bolan nu
Na man e kise naal kara gile
Hun chupi vich hi khush raha
Te ikalleyan vich hi sukun mile..!!

ਨਾ ਜੀਅ ਕਰੇ ਬਹੁਤਾ ਬੋਲਣ ਨੂੰ
ਨਾ ਮਨ ਏ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਕਰਾਂ ਗਿਲੇ..!!
ਹੁਣ ਚੁੱਪੀ ਵਿੱਚ ਹੀ ਖੁਸ਼ ਰਹਾਂ
ਤੇ ਇਕੱਲਿਆਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਸੁਕੂਨ ਮਿਲੇ..!!

Title: Chupi vich hi khush || Punjabi status || true line shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Ishq mittha jehar || punjabi love shayari || kavita

ਇਸ਼ਕ ਮਿੱਠਾ ਜ਼ਹਿਰ

ਅਸੀਂ ਤੇਰੇ ਹੱਥਾਂ ਤੋਂ ਜ਼ਹਿਰ ਵੀ ਪੀ ਸਕਦੇ ਹਾਂ
ਪਰ ਬਗੈਰ ਤੇਰੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨਹੀਂ ਜੀਅ ਸਕਦੇ ਹਾਂ
ਮੈਨੂੰ ਨੀਂ ਪਤਾ ਕਿ ਤੇਰੀ ਅਖਾਂ ਵਿਚ ਕਿ ਮੂਲ ਹੋਣਾ ਮੇਰਾ
ਪਰ ਅਸੀਂ ਅਨਮੋਲ ਰੱਬ ਦੇ ਥਾਂ ਤੈਨੂੰ ਰਖੀਂ ਬੈਠੇ ਹਾਂ

ਮੇਰੇ ਹਰ ਇੱਕ ਸਵਾਲ ਦਾ ਜਵਾਬ
ਸਿਰਫ ਕੋਲ਼ ਤੇਰੇ ਹੀ ਹੈਂ
ਮੈਨੂੰ ਲਗਦਾ ਦੁਖਾਂ ਦਾ ਐਹ
ਜ਼ਾਲ ਸਿਰਫ਼ ਕੋਲ਼ ਮੇਰੇ ਹੀ ਹੈਂ
ਤੂੰ ਜਵਾਬ ਦੇਈਂ ਹਰ ਇੱਕ ਗੱਲ ਦਾ ਮੇਰਾ
ਕੀ ਇਸ਼ਕ ਨਿਭਾਉਣ ਦੀ ਗੱਲ ਤੇਰੇ ਦਿਲ ਚ ਵੀ ਹੈ
ਜੇ ਨਹੀਂ ਹੈ ਤਾਂ ਕੋਈ ਗੱਲ ਨਹੀਂ
ਏਹ ਇਸ਼ਕ ਹੈ ਅਸੀਂ ਤਾਂ ਜ਼ਹਿਰ ਚੱਖੀ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਤੈਨੂੰ ਕੀ ਦਸਾਂ ਅਸੀਂ ਅਨਮੋਲ
ਰੱਬ ਦੇ ਥਾਂ ਤੈਨੂੰ ਰਖੀਂ ਬੈਠੇ ਹਾਂ

ਨੁਮਾਇਸ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਾਂਗੇ ਤੇਰੇ ਧੋਖੇ ਦੀ
ਰਾਜ਼ ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਦਿਲ ਚ ਹੀ ਰਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ
ਜਿੰਦਗੀ ਤੋਂ ਇੱਕ ਗੱਲ ਸਿੱਖੀ
ਕਦੇ ਸ੍ਵਾਦ ਕੌੜਾ ਵੀ ਚੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ
ਤੂੰ ਫ਼ਿਕਰ ਨਾ ਕਰੀ ਮੇਰੀ
ਮੈਂ ਕਦੇ ਵੀ ਤੇਰਾ ਜਿਕਰ ਨਹੀਂ ਕਰਾਂਗਾ
ਮੇਰੀ ਗੱਲ ਮੰਨੋਂ ਤਾਂ ਛੱਡੇਂ ਯਾਰ ਦਾ ਨਾਂ ਵੀ ਭੁਲਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ
ਐਹ ਆਸ਼ਕ ਸਾਰੇ ਜ਼ਹਿਰ ਚੱਖੀ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਕੀ ਕਹਿਣਾ ਕਮਲਿਆ ਦਾ ਅਨਮੋਲ
ਰੱਬ ਦੇ ਥਾਂ ਯਾਰ ਨੂੰ ਰਖੀਂ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ

Title: Ishq mittha jehar || punjabi love shayari || kavita


अकबर-बीरबल और जादुई गधे || hindi story

एक समय की बात है, बादशाह अकबर ने अपने बेगम के जन्मदिन के लिए बहुत ही खूबसूरत और बेशकीमती हार बनवाया था। जब जन्मदिन आया, तो बादशाह अकबर ने वह हार अपनी बेगम को तोहफे में दे दिया, जो उनकी बेगम को बहुत पसंद आया। अगली रात बेगम साहिबा ने वह हार गले से उतारकर एक संदूक में रख दिया। जब इस बात को कई दिन गुजर गए, तो एक दिन बेगम साहिबा ने हार पहने के लिए संदूक खोला, लेकिन हार कहीं नहीं मिला। इससे वह बहुत उदास हो गईं और इस बारे में बादशाह अकबर को बताया। इस बारे में पता चलते ही बादशाह अकबर ने अपने सैनिकों को हार ढूंढने का आदेश दिया, लेकिन हार कहीं नहीं मिला। इससे अकबर को यकीन हो गया कि बेगम का हार चोरी हो गया है।

फिर अकबर ने बीरबल को महल में आने के लिए बुलावा भेजा। जब बीरबल आया, तो अकबर ने सारी बात बताई और हार को खोज निकालने की जिम्मेदारी उसे सौंप दी। बीरबल ने समय व्यर्थ किए बिना ही राजमहल में काम करने वाले सभी लोगों को दरबार में आने के लिए संदेश भिजवाया। थोड़े ही देर में दरबार लग गया। दरबार में अकबर और बेगम सहित सभी काम करने वाले हाजिर थे, लेकिन बीरबल दरबार में नहीं था। सभी बीरबल का इंतजार कर ही रहे थे कि तभी बीरबल एक गधा लेकर राज दरबार में पहुंच जाता है। देर से दरबार में आने के लिए बीरबल बादशाह अकबर से माफी मांगता है। सभी सोचने लगते हैं कि बीरबल गधे को लेकर राज दरबार में क्यों आया है। फिर बीरबल बताता है कि यह गधा उसका दोस्त है और उसके पास जादुई शक्ति है। यह शाही हार चुराने वाले का नाम बता सकता है।

इसके बाद बीरबल जादुई गधे को सबसे नजदीक वाले कमरे में ले जाकर बांध देता है और कहता है कि सभी एक-एक करके कमरे में जाएं और गधे की पूंछ पकड़कर चिल्लाए “जहांपनाह मैंने चोरी नहीं की है।” साथ ही बीरबल कहता है कि आप सभी की आवाज दरबार तक आनी चाहिए। सभी के पूंछ पकड़कर चिल्लाने के बाद आखिर में गधा बताएगा कि चोरी किसने की है।

इसके बाद सभी कमरे के बाहर एक लाइन में खड़े हो गए और एक-एक करके सभी ने कमरे में जाना शुरू कर दिया। जो भी कमरे के अंदर जाता, तो पूंछ पकड़ कर चिल्लाना शुरू कर देता “जहांपनाह मैंने चोरी नहीं की है।” जब सभी का नंबर आ जाता है, तो अंत में बीरबल कमरे में जाता है और कुछ देर बाद कमरे से बाहर आ जाता है।

फिर बीरबल सभी काम करने वालों के पास जाकर उन्हें दोनों हाथ सामने करने को बोलता है और एक-एक करके सभी के हाथ सूंघने लगता है। बीरबल की इस हरकत को देखकर सभी हैरान हो जाते हैं। ऐसे ही सूंघते-सूंघते एक काम करने वाले का हाथ पकड़कर बीरबल जोर से बोलता है, “जहांपनाह इसने चोरी की है।” ये सुनकर अकबर बीरबल से कहते हैं, “तुम इतने यकीन के साथ कैसे कह सकते हो कि चोरी इस सेवक ने ही की है। क्या तुम्हें जादुई गधे ने इसका नाम बताया है।”

तब बीरबल बोलता है, “जहांपनाह यह गधा जादुई नहीं है। यह बाकी गधों की तरह साधारण ही है। बस मैंने इस गधे की पूंछ पर एक खास तरह का इत्र लगाया है। सभी सेवकों ने गधे की पूंछ को पकड़ा, बस इस चोर को छोड़कर। इसलिए, इसके हाथ से इत्र की खुशबू नहीं आ रही है।”

फिर चोर को पकड़ लिया गया और उससे चोरी के सभी सामान के साथ ही बेगम का हार भी बरामद कर लिया गया। बीरबल की इस अक्लमंदी की सभी ने सराहना की और बेगम ने खुश होकर बादशाह अकबर से उसे उपहार भी दिलवाया।

Title: अकबर-बीरबल और जादुई गधे || hindi story