Khoyi sudh-budh gulam tere hoye
Palle kakh reha na mere..!!
Haase athre ne dil sada lutteya
Te jaan layi ishq tere..!!
ਖੋਈ ਸੁੱਧ-ਬੁੱਧ ਗੁਲਾਮ ਤੇਰੇ ਹੋਏ
ਪੱਲੇ ਕੱਖ ਰਿਹਾ ਨਾ ਮੇਰੇ..!!
ਹਾਸੇ ਅੱਥਰੇ ਨੇ ਦਿਲ ਸਾਡਾ ਲੁੱਟਿਆ
ਤੇ ਜਾਨ ਲਈ ਇਸ਼ਕ ਤੇਰੇ..!!!
Khoyi sudh-budh gulam tere hoye
Palle kakh reha na mere..!!
Haase athre ne dil sada lutteya
Te jaan layi ishq tere..!!
ਖੋਈ ਸੁੱਧ-ਬੁੱਧ ਗੁਲਾਮ ਤੇਰੇ ਹੋਏ
ਪੱਲੇ ਕੱਖ ਰਿਹਾ ਨਾ ਮੇਰੇ..!!
ਹਾਸੇ ਅੱਥਰੇ ਨੇ ਦਿਲ ਸਾਡਾ ਲੁੱਟਿਆ
ਤੇ ਜਾਨ ਲਈ ਇਸ਼ਕ ਤੇਰੇ..!!!
कितना हारा होगा हमारा दिल
जब किसे ने सवारा होगा तुम्हारा दिल
टुकड़े इतने की गिन नही पाओ गी
टाके इतने की सिल नही पाओ गी
मेरी इस हालत पे भी मुंह मोड़ लिया
क्या प्थर हो गया है तुम्हारा दिल
“सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ या
जितना था वो काफी ना था,
नहीं समझ पाया तो समझा दिया होता
या जितना समझ पाया वो काफी ना था,
शिकायत थी तुम्हारी के तुम जताते नहीं
प्यार है तो कभी जमाने को बताते क्यों नहीं,
अरे मुह्हबत की क्या मैं नुमाईश करता
मेरे आँखों में जितना तुम्हें नजर आया,
क्या वो काफी नहीं था I
सोचता हूँ के क्या कमी रह गई,
क्या जितना था वो काफी नहीं था
“सोचता हूँ कभी पन्नों पर उतार लूँ उन्हें I
उनके मुँह से निकले सारे अल्फाजों को याद कर लूँ कभी I
ऐसी क्या मज़बूरी होगी उनकी की हम याद नहीं आते I
सोचता हूँ तोहफा भेज कर अपनी याद दिला दूँ कभी I
सोचता हूँ कभी पन्नों पर उतार लूँ उन्हें I