मोहब्बत तर्क की मैं ने गरेबाँ सी लिया मैं ने
ज़माने अब तो ख़ुश हो ज़हर ये भी पी लिया मैं ने
अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैं ने
उन्हें अपना नहीं सकता मगर इतना भी क्या कम है
कि कुछ मुद्दत हसीं ख़्वाबों में खो कर जी लिया मैं ने
बस अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उम्मीदो
बहुत दुख सह लिए मैं ने बहुत दिन जी लिया मैं ने
Jisne Kabhi Mujhe Mudkar Bhi Nahi Dekha
Use Mere Pyar Ka Kya ehsaas Hoga
Mai To Ab Dhoondhne Bhi Laga Hu
Deewanepan Ka Koi To ilaaj Hoga🙃
जिसने कभी मुझे मुड़कर भी नही देखा
उसे मेरे दीवानेपन का क्या एहसास होगा
मैं तो अब ढूंढने भी लगा हूँ
दीवानेपन का कोई तो इलाज होगा🙃