Har mohobbat nu manzil milni zaroori nahi,
Adhoore ishq da vi itehaas hai duniya te..
ਹਰ ਮੋਹੱਬਤ ਨੂੰ ਮੰਜਿਲ ਮਿਲਨੀ ਜਰੂਰੀ ਨਹੀਂ ,
ਅਧੂਰੇ ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਵੀ ਇਤਿਹਾਸ ਹੈ ਦੁਨੀਆ ਤੇ।
Har mohobbat nu manzil milni zaroori nahi,
Adhoore ishq da vi itehaas hai duniya te..
ਹਰ ਮੋਹੱਬਤ ਨੂੰ ਮੰਜਿਲ ਮਿਲਨੀ ਜਰੂਰੀ ਨਹੀਂ ,
ਅਧੂਰੇ ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਵੀ ਇਤਿਹਾਸ ਹੈ ਦੁਨੀਆ ਤੇ।
Tere lai likhi hai ik shayari
mainu mili kade tainu fer sunawanga
tainu lagda nahi par meri rooh te likhiyaa e na tera
ik din dekhi jaroor tu tere bina me mar jawanga
ਤੇਰੇ ਲਈ ਲਿਖੀ ਹੈ ਇੱਕ ਸ਼ਾਇਰੀ
ਮੈਨੂੰ ਮਿਲ਼ੀ ਕਦੇ ਤੈਨੂੰ ਫੇਰ ਸੁਣਾਵਾਂਗਾ
ਤੈਨੂੰ ਲਗਦਾ ਨਹੀਂ ਪਰ ਮੇਰੀ ਰੂਹ ਤੇ ਲਿਖਿਆ ਏਂ ਨਾ ਤੇਰਾਂ
ਇੱਕ ਦਿਨ ਦੇਖੀਂ ਜ਼ਰੂਰ ਤੂੰ ਤੇਰੇ ਬਿਨਾਂ ਮੈਂ ਮਰ ਜਾਵਾਂਗਾ
माथे पे तिलक लगाकर कूद पड़े थे अंग़ारो पे,
माटी की लाज के लिए उनके शीश थे तलवारों पे।
भगत सिंह की दहाड़ के मतवाले वो निर्भर नहीं थे किन्ही हथियारों पे,
अरे जब देशहित की बात आए तो कभी शक ना करो सरदारों पे॥
आज़ादी की थी ऐसी लालसा की चट्टानों से भी टकरा गये,
चंद आज़ादी के रणबाँकुरो के आगे लाखों अंग्रेज मुँह की खा गये।
विद्रोह की हुंकार से गोरों पे मानो मौत के बादल छा गये,
अरे ये वही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव है जिनकी बदौलत हम आज़ादी पा गये॥
आज़ादी मिली पर इंक़लाब की आग में अपने सब सुख-दुःख वो भूल गये,
जननी से बड़ी माँ धरती जिसकी ख़ातिर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु झूल गये॥
अब राह तक रही उस माँ को कौन जाके समझाएगा,
कैसे बोलेगा उसको की माँ अब तेरा लाल कभी नहीं आएगा।
बस इतना कहूँगा कि धन्य हो जाएगा वो आँचल जो भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सा बेटा पाएगा,
क्योंकि इस माटी का हर कण और बच्चा-बच्चा उसे अपने दिल में बसाएगा॥