हमें सफलता से प्रेम करने की आवश्यकता है। हम सब सफलता हासिल तो करना चाहते है लेकिन दूसरों की सफलताओं से ईर्ष्या भी करते हैं। यह तो वही बात हुई कि हम सफल होने के बारे में, कामयाबी के विषय में केवल सोचते हैं कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं। वास्तव में हम दूसरों की सफलताओं से प्रेरणा लेने की तुलना में जलन की भावना से ज्यादा पीड़ित रहते हैं। नियम है सफलता ही सफलता को आकर्षित करती है। इसके लिए हमें सफलता से प्रेम करने की जरूरत है। किसी को आगे बढ़ते देख खुश होना एक सफल और संतुष्ट व्यक्ति की पहचान होती है। एक सच्चा विजेता ही दूसरे विजेता को सम्मान दे सकता हैं। इंसान के रूप में हमें जीवन को सरल और सौहार्द्र के साथ व्यतीत करने की आवश्यकता है।
हमें स्वयं ही प्रयास करना होगा कोई और हमारी सहायता नहीं कर सकता। हमें खुद को विकसित करने की आवश्यकता है।