है कोई हकीकत या कोई हसरत है
आखिर किसके खातिर रातों की ये इबादत है
हकीम की हैरानगी पर लोग दुआ क्यू करने लगे
पीर कहते है ये आसार ऐ मोहब्बत है
Well done is better than well said
है कोई हकीकत या कोई हसरत है
आखिर किसके खातिर रातों की ये इबादत है
हकीम की हैरानगी पर लोग दुआ क्यू करने लगे
पीर कहते है ये आसार ऐ मोहब्बत है
मुठ्ठी भर ज़मीं में अपनी भुख़ बो रहा हूं,
मिट्टी तन पर लगी थी पर कमीज़ धों रहा हूं,
रो रहा हूं के बारिश की बूंदे बहुत कम थी, पर
कहूंगा नहीं भूखे पेट ना जाने कबसे सो रहा हूं...
Vo yarana vo mastiya
Vo mehfile ab nhi sajti
Ab vo yaar nhi milte 💯✨
वो याराना वो मस्तियाँ।
वो महफ़िले अब नही सजती।
अब वो यार नही मिलते।💯✨