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Hindi poetry || desh poetry कविता – शहादत के बोल

माथे पे तिलक लगाकर कूद पड़े थे अंग़ारो पे,
माटी की लाज के लिए उनके शीश थे तलवारों पे।
भगत सिंह की दहाड़ के मतवाले वो निर्भर नहीं थे किन्ही हथियारों पे,
अरे जब देशहित की बात आए तो कभी शक ना करो सरदारों पे॥
आज़ादी की थी ऐसी लालसा की चट्टानों से भी टकरा गये,
चंद आज़ादी के रणबाँकुरो के आगे लाखों अंग्रेज मुँह की खा गये।
विद्रोह की हुंकार से गोरों पे मानो मौत के बादल छा गये,
अरे ये वही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव है जिनकी बदौलत हम आज़ादी पा गये॥
आज़ादी मिली पर इंक़लाब की आग में अपने सब सुख-दुःख वो भूल गये,
जननी से बड़ी माँ धरती जिसकी ख़ातिर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु झूल गये॥
अब राह तक रही उस माँ को कौन जाके समझाएगा,
कैसे बोलेगा उसको की माँ अब तेरा लाल कभी नहीं आएगा।
बस इतना कहूँगा कि धन्य हो जाएगा वो आँचल जो भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सा बेटा पाएगा,
क्योंकि इस माटी का हर कण और बच्चा-बच्चा उसे अपने दिल में बसाएगा॥

Title: Hindi poetry || desh poetry कविता – शहादत के बोल

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


YAADAN NU

Bhanwe bhul na sakyaa me tariyaan yaadan nu yaad tan tuv kardi hovegi

Bhanwe bhul na sakyaa me tariyaan yaadan nu
yaad tan tuv kardi hovegi



Lok jo marzi kehn || Attitude punjabi status

Lok jo marzi kehn,
lokaan da kam kehna
saadha jo dil kahu
asi ohi karde rehna

ਲੋਕ ਜੋ ਮਰਜ਼ੀ ਕਹਿਣ,
ਲੋਕਾਂ ਦਾ ਕੰਮ ਕਹਿਣਾ,
ਸਾਡਾ ਜੋ ਦਿਲ ਕਹੁੰ,
ਅਸੀਂ ਉਹੀ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣਾ।।

Title: Lok jo marzi kehn || Attitude punjabi status