
Tu Panna howe mein Kalam ban jawa
Tu hath howe mein shooh ban jawa
Tu jism ban mein rooh ban jawa..!!
जीवन में वह था एक कुसुम,
थे उस पर नित्य निछावर तुम,
वह सूख गया तो सूख गया;
मधुवन की छाती को देखो,
सूखीं कितनी इसकी कलियाँ,
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ जो
मुरझाईं फिर कहाँ खिलीं;
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुवन शोर मचाता है;
जो बीत गई सो बात गई!
जीवन में मधु का प्याला था,
तुमने तन-मन दे डाला था,
वह टूट गया तो टूट गया;
मदिरालय का आँगन देखो,
कितने प्याले हिल जाते हैं,
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं,
जो गिरते हैं कब उठते हैं;
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है!
जो बीत गई सो बात गई!
मृदु मिट्टी के हैं बने हुए,
मधुघट फूटा ही करते हैं,
लघु जीवन लेकर आए हैं,
प्याले टूटा ही करते हैं,
फिर भी मदिरालय के अंदर
मधु के घट हैं, मधुप्याले हैं,
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं;
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट-प्यालों पर,
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है, चिल्लाता है!
जो बीत गई सो बात गई!
Lafza de mtlb ta hazar kadd lainde ne
Kaash kise nu khamoshi sunan da hunar vi hunda..!!
ਲਫ਼ਜ਼ਾਂ ਦੇ ਮਤਲਬ ਤਾਂ ਹਜ਼ਾਰ ਕੱਢ ਲੈਂਦੇ ਨੇ
ਕਾਸ਼ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਖਾਮੋਸ਼ੀ ਸੁਨਣ ਦਾ ਹੁਨਰ ਵੀ ਹੁੰਦਾ..!!