जितना तुमको चाहा था इतना किसी को न चाहेंगे,
पर अफसोस इस बात का है तुमको बता न पायेंगे…
Enjoy Every Movement of life!
जितना तुमको चाहा था इतना किसी को न चाहेंगे,
पर अफसोस इस बात का है तुमको बता न पायेंगे…
उनके चेहरे की हंसी पर नजर मेरी तब पड़ी, जब शहर में मेरा आना हुआ..
अब उनके चेहरे पर ही रहती है ये हर घड़ी, और उनका मुझे देख शर्माना हुआ..
मेरी नज़रों पे उनकी नज़रों ने लगाई ऐसी हथ-कडी, ना फिर मेरा कभी घर जाना हुआ..
अब नज़रों से सिर्फ वही देखते हैं, जो वो दिखाती है, ना जाने भरा ये हमने, कैसा हर-ज़ाना हुआ..