“Tujhe Chahkar ab kisi aur ki na chahat , Ki tujhe chahkar ab kisi aur ki na chahat, Tujhe dekh na lu jab tak milti nahi is dil ko rahat”.
“Tujhe Chahkar ab kisi aur ki na chahat , Ki tujhe chahkar ab kisi aur ki na chahat, Tujhe dekh na lu jab tak milti nahi is dil ko rahat”.
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
तुम्हारे गुजरे पलों में बेशक मैं नहीं थी
तुम्हारे संग भविष्य की अपेक्षा भी नहीं थी
हां,वर्तमान के कुछ चंद क्षण
साझा करने की ख्वाहिश जरुर थी।
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
देखो, आज फिर उंगलियों ने मेरी
कलम उठाई है
कुछ अनसुनी भावनाओं को संग अपने
समेट लाई है
माना ,मेरे शब्दों ने आहत किया तुम्हें
लेकिन क्या,असल भाव को पहचाना तुमने?
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
उलझ गए तुम निरर्थक शब्दों में
पढ़ा नहीं जो लिखा है कोमल हृदय में
चल दिए छोड़ उसे, तुम अपनी अना में
बंधे थे हम तुम, जिस अनदेखे रिश्ते की डोर में
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
बीत गए कई बारिश के मौसम
क्या धुले नहीं, जमे धूल मन के?
है अर्जी मेरी चले आओ तुम
मेरे भीतर के तम को रोशनी दिखाओ तुम..
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
Fer oh tareyan di shaa
Fer use chand naal pyar
Fer hawawan nu gale Laguna
Fer ton oh kudrat naal gallan karniya
Lagda dubara zindagi jiona sikh rahe haan❤️..!!
ਫਿਰ ਉਹ ਤਾਰਿਆਂ ਦੀ ਛਾਂ
ਫਿਰ ਉਸੇ ਚੰਦ ਨਾਲ ਪਿਆਰ
ਫਿਰ ਹਵਾਵਾਂ ਨੂੰ ਗਲੇ ਲਗਾਉਣਾ
ਫਿਰ ਤੋਂ ਉਹ ਕੁਦਰਤ ਨਾਲ ਗੱਲਾਂ ਕਰਨੀਆਂ
ਲੱਗਦਾ ਦੁਬਾਰਾ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਜਿਉਣਾ ਸਿੱਖ ਰਹੇ ਹਾਂ❤️..!!