जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
उसने छोड़ा और यूं छोड़ा अब मिलते नही है हम
तेरे बाद तेरे बारे में लिखते नही है हम
महफिलों में बैठ कर राज खोले होगे हमने
पर आज कल किसी दूसरे को दिखते नही है हम
Ye waqt badaa taakatvar hai janaab
Ek din khudko dohraaega
Bhut jakhm diye hain tune mujhe
Tera kiya tujh par bhi aaega… 💯
ये वक़्त बड़ा ताकतवर हैं जनाब
एक दिन खुदको दोहराएगा
बहुत जख्म दिये हैं तूने मुझे
तेरा किया तुझपर भी आएगा।। 💯