जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
Well done is better than well said
जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
विलुप्त हो रहे वन्यजीवों को बचाने के लिए इंसान को करनी होगी तपस्या,
वरना भविष्य में हर व्यक्ति के सामने खड़ी होगी बड़ी और विकट समस्या.
विश्व वन्यजीव दिवस की शुभकामना