
Asi kariye ta lakh lahnta
Waah ni zindigiye
Asool tere..!!
लम्बीया राता यार दा विछोड़ा
मुंडेर ते बैठा है
एक जंगली कबूतरा दा जोड़ा
कर रहा गुटरगूं, गुटरगूं
जाने तू की कर रहा
दूर चिनारा ते विखरी है चांदनी
ते वेढा सादा महक रहा
रात दी रानी गुनगुना रही
दिल उदास मेरा तू ना आया
चित तेनु उडीक रहा
झींगुर ने छेड़ दिति तान
हव्वा वी पत्त्या नु ताल दे रही है
सीने दी धड़कन वी वड रही सरपट
गूंजी पपीहे दी पीहू-पीहू
नाल मेरे दिल दी पुकार
पर तू ना आया चित तेनु उडीक रहा
आँखा ते स्याह आसमान भरके
पूरी रात तारयां दे जोड़े बनाए
कित्ते कोई तारा टूटयां
चंद कल्ला रह गया
जीवे मैं तेरे बिन अधूरा रह रही
ऐवी गम दी रात गुजर जानी है
याद तेरी नाल सदा रह जानी है
याद वी नही हुंडी ते की करदे
हर्ष किवे होक्के भरदे
फेर वी तेनु पौन नु मन्नत मंग रही
चित रह रह के आज वी तेनु उडीक रही