khushiyaan to kab kee rooth gayee hain kaash kee,
is zindagee ko bhee kisee kee nazar lag jaaye..
खुशियाँ तो कब की रूठ गयी हैं काश की,
इस ज़िन्दगी को भी किसी की नज़र लग जाये..
khushiyaan to kab kee rooth gayee hain kaash kee,
is zindagee ko bhee kisee kee nazar lag jaaye..
खुशियाँ तो कब की रूठ गयी हैं काश की,
इस ज़िन्दगी को भी किसी की नज़र लग जाये..
अगर औरत नहीं होती तो मोहब्बत नहीं होती।
अगर बंगाल नहीं होती तो देश नहीं होती।
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हर इंसान में दिल है।
भारत में भी बंगाल है।
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मर्द सिर्फ इंसान होता है।
औरत माँ होती है।
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इंसान को दुःख देने में मजा आता है।
इंसान के दुःख में सिर्फ कुत्ते रोता है।
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जिंदगी का स्टेशन में ट्रैन रोक गयी।
समय कभी रुकता नहीं, छुट्टी गुज़र गयी।
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समय का नदी, में अकेला नहीं।
पिता नाव हे, माँ माझी, जिंदगी यही।
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