eh dil vich raaz badhe
har ik nu keh ni sakde
idaa di aadat ho ai hai
bina ohnu yaad kare asi so nahi rakde
ਏਹ ਦਿਲ ਵਿਚ ਰਾਜ਼ ਬੜੇ
ਹਰ ਇੱਕ ਨੂੰ ਕੇਹ ਨੀਂ ਸਕਦੇ
ਇਦਾਂ ਦੀ ਆਦਤ ਹੋ ਗਈ ਹੈ
ਬਿਨਾਂ ਓਹਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰੇਂ ਅਸੀਂ ਸੋ ਨਹੀਂ ਸਕਦੇ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
eh dil vich raaz badhe
har ik nu keh ni sakde
idaa di aadat ho ai hai
bina ohnu yaad kare asi so nahi rakde
ਏਹ ਦਿਲ ਵਿਚ ਰਾਜ਼ ਬੜੇ
ਹਰ ਇੱਕ ਨੂੰ ਕੇਹ ਨੀਂ ਸਕਦੇ
ਇਦਾਂ ਦੀ ਆਦਤ ਹੋ ਗਈ ਹੈ
ਬਿਨਾਂ ਓਹਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰੇਂ ਅਸੀਂ ਸੋ ਨਹੀਂ ਸਕਦੇ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
उल्टे सीधे सपने पाले बैठे हैं
सब पानी में काँटा डाले बैठे हैं
इक बीमार वसीयत करने वाला है
रिश्ते नाते जीभ निकाल बैठे हैं
बस्ती का मामूल पे आना मुश्किल है
चौराहे पर वर्दी वाले बैठे हैं
धागे पर लटकी है इज़्ज़त लोगों की
सब अपनी दस्तार सँभाले बैठे हैं
साहब-ज़ादा पिछली रात से ग़ायब है
घर के अंदर रिश्ते वाले बैठे हैं
आज शिकारी की झोली भर जाएगी
आज परिंदे गर्दन डाले बैठे हैं
ए नसीब जरा एक बात तो बता,
तू सबको आज़माता है
या मुझसे ही दुश्मनी है 🥀