मुर्शिद आज चराग़-ए-ग़म जलाऊँगा मैं
आज रात भर रात का दिल दुखाऊँगा मैं
आज किताब-ए-मुहब्बत के साथ साथ
तेरी निशानियों को भी आग लगाऊँगा मैं
ऐ सितमगर एहतियात-ए-हिजाब करना
अब फ़क़त तुझपे ही क़लम उठाऊँगा मैं
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मुर्शिद आज चराग़-ए-ग़म जलाऊँगा मैं
आज रात भर रात का दिल दुखाऊँगा मैं
आज किताब-ए-मुहब्बत के साथ साथ
तेरी निशानियों को भी आग लगाऊँगा मैं
ऐ सितमगर एहतियात-ए-हिजाब करना
अब फ़क़त तुझपे ही क़लम उठाऊँगा मैं
. ♥️ Ajeeb thi daastaan ♥️
Kaise sunau Darr jo dil mein hai
Toofan se bhi zyada baatein dil mein hai
Ajeeb thi wo daastaan j
is ke khaatir saari zindagi hum Darte darte jee gaye…….. .
………..nida………..