मुर्शिद आज चराग़-ए-ग़म जलाऊँगा मैं
आज रात भर रात का दिल दुखाऊँगा मैं
आज किताब-ए-मुहब्बत के साथ साथ
तेरी निशानियों को भी आग लगाऊँगा मैं
ऐ सितमगर एहतियात-ए-हिजाब करना
अब फ़क़त तुझपे ही क़लम उठाऊँगा मैं
Enjoy Every Movement of life!
मुर्शिद आज चराग़-ए-ग़म जलाऊँगा मैं
आज रात भर रात का दिल दुखाऊँगा मैं
आज किताब-ए-मुहब्बत के साथ साथ
तेरी निशानियों को भी आग लगाऊँगा मैं
ऐ सितमगर एहतियात-ए-हिजाब करना
अब फ़क़त तुझपे ही क़लम उठाऊँगा मैं
Pasand nahi e sajjna
tu mohobbat e meri..!!
ਪਸੰਦ ਨਹੀਂ ਏ ਸੱਜਣਾ
ਤੂੰ ਮੋਹੁੱਬਤ ਏ ਮੇਰੀ..!!
ज़िंदगी को तन्हा वीरानों में रहने दो,
ये वफ़ा की बातें ख्यालो में रहने दो,
हक़ीक़त में आजमाने से टूट जाते हैं दिल अकसर,
ये इश्क़, दोस्ती और मोहब्बत किताबों में रहने दो…💯✨️