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Ajj kal de lok || Punjabi shayari

ਸੁੱਕ ਗਏ ਰੁੱਖਾਂ ਦੇ ਪੱਤੇ

ਟੁੱਟ ਗਏ ਨੇ ਖ਼ੁਆਬ ਜੀ

ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤੂੰ ਰੁਹੋ ਮਾਰਿਆ 

ਉਹ ਵੀ ਲੈਂਦੇ ਤੇਰੇ ਖ਼ੁਆਬ ਜੀ

 

ਇੱਕ ਤੇਰੀ ਮਹੁੱਬਤ ਕਰਕੇ

ਦਿਵਾਨੇ ਸੂਲ਼ੀ ਉੱਤੇ ਚੜ੍ਹ ਗਏ

ਦੋਲਤ ਵਾਹ ਕੀ ਨਾਂ ਤੇਰਾ

ਤੇਰੇ ਲਈ ਤਾਂ ਆਪਣੇ ਆਪਣੀਆਂ ਤੋਂ ਲੱੜ ਮਰ ਗਏ

 

ਇੱਕ ਤੈਨੂੰ ਹੀ ਪਾਉਣ ਦੀ ਭੁੱਖ

ਮਿਟਦੀ ਨਾ ਤੈਨੂੰ ਪਾਕੇ ਬਈ

ਮੈਂ ਵੇਖ ਲਿਆ ਕਮਾਲ ਤੇਰਾ

ਅੱਜ ਕੱਲ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਅਜ਼ਮਾ ਕੇ ਬਈ

Title: Ajj kal de lok || Punjabi shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


ऊँट की गर्दन || akbar story

अकबर बीरबल की हाज़िर जवाबी के बडे कायल थे। एक दिन दरबार में खुश होकर उन्होंने बीरबल को कुछ पुरस्कार देने की घोषणा की। लेकिन बहुत दिन गुजरने के बाद भी बीरबल को पुरस्कार की प्राप्त नहीं हुई। बीरबल बडी ही उलझन में थे कि महाराज को याद दिलायें तो कैसे?

एक दिन महारजा अकबर यमुना नदी के किनारे शाम की सैर पर निकले। बीरबल उनके साथ था। अकबर ने वहाँ एक ऊँट को घुमते देखा। अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल बताओ, ऊँट की गर्दन मुडी क्यों होती है”?

बीरबल ने सोचा महाराज को उनका वादा याद दिलाने का यह सही समय है। उन्होंने जवाब दिया – “महाराज यह ऊँट किसी से वादा करके भूल गया है, जिसके कारण ऊँट की गर्दन मुड गयी है। महाराज, कहते हैं कि जो भी अपना वादा भूल जाता है तो भगवान उनकी गर्दन ऊँट की तरह मोड देता है। यह एक तरह की सजा है।”

तभी अकबर को ध्यान आता है कि वो भी तो बीरबल से किया अपना एक वादा भूल गये हैं। उन्होंने बीरबल से जल्दी से महल में चलने के लिये कहा। और महल में पहुँचते ही सबसे पहले बीरबल को पुरस्कार की धनराशी उसे सौंप दी, और बोले मेरी गर्दन तो ऊँट की तरह नहीं मुडेगी बीरबल। और यह कहकर अकबर अपनी हँसी नहीं रोक पाए।

और इस तरह बीरबल ने अपनी चतुराई से बिना माँगे अपना पुरस्कार राजा से प्राप्त किया।

Title: ऊँट की गर्दन || akbar story


KHAYAL TERA HI RAKHDA | Khayal Shayari

khyal punjabi shayari | Kadi tutteya nai mere dil ton teriyaan yaadan da rishta bhawe gal howe ya naa khayal hamesha eh tera hi rakhda

Kadi tutteya nai mere dil ton
teriyaan yaadan da rishta
bhawe gal howe ya naa
khayal hamesha eh tera hi rakhda