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Akbar ka saala || akbar birbal kahani hindi

अकबर का साला हमेशा से ही बीरबल की जगह लेना चाहता था। अकबर जानते थे कि बीरबल की जगह ले सके ऐसा बुद्धिमान इस संसार में कोई नहीं है। फिर भी जोरू के भाई को वह सीधी ‘ना’ नहीं बोल सकते थे। ऐसा कर के वह अपनी लाडली बेगम की बेरुखी मोल नहीं लेना चाहते थे। इसीलिए उन्होने अपने साले साहब को एक कोयले से भरी बोरी दे दी और कहा कि-

जाओ और इसे हमारे राज्य के सबसे मक्कार और लालची सेठ – सेठ दमड़ीलाल को बेचकर दिखाओ , अगर तुम यह काम कर गए तो तुम्हें बीरबल की जगह वज़ीर बना दूंगा।

अकबर की इस अजीब शर्त को सुन कर साला अचंभे में पड़ गया। वह कोयले की बोरी ले कर चला तो गया। पर उसे पता था कि वह सेठ किसी की बातो में नहीं आने वाला ऊपर से वह उल्टा उसे ही चूना लगा देगा। हुआ भी यही सेठ दमड़ीलाल ने कोयले की बोरी के बदले एक ढेला भी देने से इनकार कर दिया।
साला अपना सा मुंह लेकर महल वापस लौट आया और अपनी हार स्वीकार कर ली.
अब अकबर ने वही काम बीरबल को करने को कहा।
बीरबल कुछ सोचे और फिर बोले कि सेठ दमड़ीलाल जैसे मक्कार और लालची सेठ को यह कोयले की बोरी क्या मैं सिर्फ कोयले का एक टुकड़ा ही दस हज़ार रूपये में बेच आऊंगा। यह बोल कर वह तुरंत वहाँ से रवाना हो गए।
सबसे पहले उसने एक दरज़ी के पास जा कर एक मखमली कुर्ता सिलवाया। हीरे-मोती वाली मालाएँ गले में डाली। महंगी जूती पहनी और कोयले को बारीक सुरमे जैसा पिसवा लिया।

फिर उसने पिसे कोयले को एक सुरमे की छोटी चमकदार डिब्बी में भर लिया। इसके बाद बीरबल ने अपना भेष बदल लिया और एक मेहमानघर में रुक कर इश्तिहार दे दिया कि बगदाद से बड़े शेख आए हैं। जो करिश्माई सुरमा बेचते हैं। जिसे आँखों में लगाने से मरे हुए पूर्वज दिख जाते हैं और यदि उन्होंने कहीं कोई धन गाड़ा है तो उसका पता बताते हैं। यह बात शहर में आग की तरह फ़ैली।

सेठ दमड़ीलाल को भी ये बात पता चली। उसने सोचा ज़रूर उसके पूर्वजों ने कहीं न कहीं धन गाड़ा होगा। उसने तुरंत शेख बने बीरबल से सम्पर्क किया और सुरमे की डिब्बी खरीदने की पेशकश की। शेख ने डिब्बी के 20 हज़ार रुपये मांगे और मोल-भाव करते-करते 10 हज़ार में बात तय हुई।
पर सेठ भी होशियार था, उसने कहा मैं अभी तुरंत ये सुरमा लगाऊंगा और अगर मुझे मेरे पूर्वज नहीं दिखे तो मैं पैसे वापस ले लूँगा।
बीरबल बोला, “बिलकुल आप ऐसा कर सकते हैं, चलिए शहर के चौराहे पर चलिए और वहां इसे जांच लीजिये।”
सुरमे का चमत्कार देखने के लिए भीड़ इकठ्ठा हो गयी।

तब बीरबल ने ऊँची आवाज़ में कहा, “ये सेठ अभी ये चमत्कारी सुरमा लगायेंगे और अगर ये उन्ही की औलाद हैं जिन्हें ये अपना माँ-बाप समझते हैं तो इन्हें इनके पूर्वज दिखाई देंगे और गड़े धन के बारे में बताएँगे। लेकिन अगर आपके माँ-बाप में से किसी ने भी बेईमानी की होगी और आप उनकी असल औलाद नहीं होंगे तो आपको कुछ भी नहीं दिखेगा।
और ऐसा कहते ही बीरबल ने सेठ की आँखों में सुरमा लगा दिया।

फिर क्या था, सिर खुजाते हुए सेठ ने आँखें खोली। अब दिखना तो कुछ था नहीं, पर सेठ करे भी तो क्या करे!
अपनी इज्ज़त बचाने के लिए सेठ ने दस हज़ार बीरबल के हाथ थमा दिये। और मुंह फुलाते हुए आगे बढ़ गए।
बीरबल फ़ौरन अकबर के पास पहुंचे और रुपये थमाते हुए सारी कहानी सुना दी।

अकबर का साला बिना कुछ कहे अपने घर लौट गया। और अकबर-बीरबल एक दूसरे को देख कर मंद-मंद मुसकाने लगे। इस किस्से के बाद फिर कभी अकबर के साले ने बीरबल का स्थान नहीं मांगा।

Title: Akbar ka saala || akbar birbal kahani hindi

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Live like it’s heaven on earth || life English quotes

You’ve gotta dance like there’s nobody watching,
Love like you’ll never be hurt,
Sing like there’s nobody listening,
And live like it’s heaven on earth❤

Title: Live like it’s heaven on earth || life English quotes


Ek tarfa pyar || Punjabi poetry || sad but true lines

Badiyan aasan umeeda c shayad esnu
Aaya vehre mere c pairi nange
Te khushiyan nu mukh te chaad..!!
Befikri jehi ch jee betha
Khaure anjaan c kaurhe sach ton
Ke chakkne paine ehnu dukhan de bhaar..!!
Pyar valiyan tranga shed
mere agge piche saaz vajaunda c
Umeed jitt di laga ke ho gaya haar..!!
Pathar jehe jazbaat mere tenu samj na paye
Te khaure bedard dil mera
Kyu fullan de raah vich baneya gaar..!!
Thukra ke tenu eh khush vi hoyia
Par tu akhan ch hanju le see na kitti
Te mud gaya kha ke sitam hazar..!!
Nirsuarth c tu te pak tera ishq
Nazukta naal bhareya ik dil c kol
Jo karda reha mohobbat beshumar..!!
Lai ke peedhan da bhandaar bhawein aap ujjad geya
Par sikha ke bhut kuj gya menu
Tera ik tarfa pyar..!!

ਬੜੀਆਂ ਆਸਾਂ ਉਮੀਦਾਂ ਸੀ ਸ਼ਾਇਦ ਇਸਨੂੰ
ਆਇਆ ਵੇਹੜੇ ਮੇਰੇ ਸੀ ਪੈਰੀ ਨੰਗੇ
ਤੇ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਮੁੱਖ ਤੇ ਚਾੜ੍ਹ..!!
ਬੇਫ਼ਿਕਰੀ ਜਿਹੀ ‘ਚ ਜੀਅ ਬੈਠਾ
ਖੌਰੇ ਅਣਜਾਣ ਸੀ ਕੌੜੇ ਸੱਚ ਤੋਂ
ਕਿ ਚੱਕਣੇ ਪੈਣੇ ਇਹਨੂੰ ਦੁੱਖਾਂ ਦੇ ਭਾਰ..!!
ਪਿਆਰ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਛੇੜ
ਮੇਰੇ ਅੱਗੇ ਪਿੱਛੇ ਸਾਜ਼ ਵਜਾਉਂਦਾ ਸੀ
ਉਮੀਦ ਜਿੱਤ ਦੀ ਲਗਾ ਕੇ ਹੋ ਗਿਆ ਹਾਰ..!!
ਪੱਥਰ ਜਿਹੇ ਜਜ਼ਬਾਤ ਮੇਰੇ ਤੈਨੂੰ ਸਮਝ ਨਾ ਪਾਏ
ਤੇ ਖੌਰੇ ਬੇਦਰਦ ਦਿਲ ਮੇਰਾ
ਕਿਉਂ ਫੁੱਲਾਂ ਦੇ ਰਾਹ ਵਿੱਚ ਬਣਿਆ ਗਾਰ..!!
ਠੁਕਰਾ ਕੇ ਤੈਨੂੰ ਇਹ ਖੁਸ਼ ਵੀ ਹੋਇਆ
ਪਰ ਤੂੰ ਅੱਖਾਂ ‘ਚ ਹੰਝੂ ਲੈ ਸੀ ਨਾ ਕੀਤੀ
ਤੇ ਮੁੜ ਗਿਆ ਖਾ ਕੇ ਸਿਤਮ ਹਜ਼ਾਰ..!!
ਨਿਰਸੁਆਰਥ ਸੀ ਤੂੰ ਤੇ ਪਾਕ ਤੇਰਾ ਇਸ਼ਕ
ਨਾਜ਼ੁਕਤਾ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਇੱਕ ਦਿਲ ਸੀ ਕੋਲ
ਜੋ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ ਮੋਹੁੱਬਤ ਬੇਸ਼ੁਮਾਰ..!!
ਲੈ ਕੇ ਪੀੜਾਂ ਦਾ ਭੰਡਾਰ ਭਾਵੇਂ ਆਪ ਉੱਜੜ ਗਿਆ
ਪਰ ਸਿਖਾ ਕੇ ਬਹੁਤ ਕੁਝ ਗਿਆ
ਮੈਨੂੰ ਤੇਰਾ ਇੱਕ ਤਰਫ਼ਾ ਪਿਆਰ..!!💔

Title: Ek tarfa pyar || Punjabi poetry || sad but true lines