
Aasmaan de taare aksar puchhde rehnde
kyu intezaar ae tainu ohde aun da
te dil mera muskura ke kehnda rehnda
mainu taan kade yakin hi nai hoeya ohde chale jaan da

Aasmaan de taare aksar puchhde rehnde
kyu intezaar ae tainu ohde aun da
te dil mera muskura ke kehnda rehnda
mainu taan kade yakin hi nai hoeya ohde chale jaan da
चाल अभी धीमी है,
पर कदम जाएंगे मंजिल तक जरूर।
हालात अभी उलझे हैं,
पर बदलेंगे मौसम,बिखरेगा हरसू नूर।
हौसलों की कमी नहीं,
क़्त भले ना हो ज्यादा।
शह मात की खेल है जिंदगी,
मंजिल को पाने की, हम रखते हैं माआदा।
पलकें मूंद जाती हैं झंझावतों से,
रास्ते छुप जाते हैं काले बदली की छाँव में।
गुजरना ही होगा अंधियारे सूने गलियारों से,
आशियाना हो चाहे गांव या शहर में।
लक्ष्य जो बुन लिया है विश्वास के तागों से,
अब रुकना नहीं, न झुकना कहीं तुम सफर में ।
डगर ने चुन लिया है तुम्हें साहस के पदचिन्हों से,
धैर्य,सहनशीलता और जीत, होंगे सहचर तुम्हारे सहर में।।
तरुण चौधरी
कुछ अधूरी ख्वाहिश बाकी है ।
जो किसी मजबूरी से बंधी है ।
अधूरी ख्वाहिश ख्वाब कि तरह बन गई है ।
ख्वाहिश को पाने की चाहत तो अभी बाकी है ।