बारी – बारी सब चले गए,
पर तुम हाथ थामें रखना।
मेरी जो कुछ भी बची है वो,
उम्मीदों को संभाल कर रखना।
माना थोड़ी जिद्दी हूं मैं,
तुम मेरी जिद्द को पूरा करना।
बारी – बारी सब चले गए,
पर तुम हाथ थामें रखना।
बारी – बारी सब चले गए,
पर तुम हाथ थामें रखना।
मेरी जो कुछ भी बची है वो,
उम्मीदों को संभाल कर रखना।
माना थोड़ी जिद्दी हूं मैं,
तुम मेरी जिद्द को पूरा करना।
बारी – बारी सब चले गए,
पर तुम हाथ थामें रखना।
अगर नजर के नजरिये से निहारो तो हर नजारा नूर लगता है
मेरा वो प्यार जिसे दुनिया गलत कहती थी मुझे वो आज भी कोहिनूर लगता है
किस्मत ने खेला है ऐसा खेल सब कुछ है मेरे पास मगर मेरा महबूब पास होकर भी दूर लगता है
हाँ वो आज भी मुझको कोहिनूर लगता है प्यार मोहब्बत इश्क जितना कुछ था मेरे पास सब कुछ दे दिया उसको
फिर भी वो किसी और के प्यार में मगरूर लगता है
मेरा महबूब पास होकर भी दूर लगता है मगर फिर भी वो मुझको कहिनूर लगता है…harsh tiwari 🖋