Bahar Shor bahut hai || true lines shayari was last modified: August 15th, 2023 by Omkar Singh
उसके चेहरे में कई राज छुपे हैं, घबराती है बताने से..
कभी बेखौफ करे इजहार कभी, डरे जज्बात जताने से..
कभी आँखों से हटने नहीं देती, कभी फ़र्क नी पड़ता जाने से..
कभी मारने पर हंस पडती है, कभी रोये हाथ लगाने से..
कभी-कभी वो बाज नहीं आती, बेमतलब प्यार लुटाने से..
कभी लगे ना जाने कैसा प्यार है, भर देती दिल वो ताने से..
कभी-कभी वो घबरा जाती है, मुझे अपने पास बुलाने से..
कभी-कभी नहीं थकती वो अपनी, पलकों पे मुझे झूलाने से..
कभी दूर मुझसे है हो जाती, अचानक किसी के आने से..
कभी लड़ पड़ती मेरा हाथ पकड़ कर, मेरे लिए वो भरे जमाने से..
कभी परेशान हो जाता उसके, बेमतलब के शर्माने से..
कभी मुश्किल में फंस जाता हूं, परदा भी उसे कराने से..
अब तो मुझे भी डर है उसके, अचानक ही मुस्कुराने से..
क्या सबकी जिंदगी में है कोई ऐसा, या मेरी ही अलग है जमाने से..
वो खुशियों की डगर, वो राहों में हमसफ़र,
वो साथी था जाना पहचाना,
दिल हैं उसकी यादों का दीवाना
वो साथ था जाना पहचाना
गम तो कई उसने भी देखे,
पर राहों में चले खुशियों को लेके
दिल चाहता हैं हर दम हम साथ चलें,
पर इस राह में कई काले बादल हैं घने
वो साथ था जाना पहचाना
मेरे आसुओं को था जिसने थामा,
मुझसे ज्यादा मुझको पहचाना
चारों तरफ था घनघोर अँधियारा,
बनकर आया था जीवन में उजियारा
वो साथ था जाना पहचाना
गिन-गिन कर तारे भी गिन जाऊ,
पर उसकी यादों को भुला ना पाऊ
कहता था अक्सर हर दिन हैं मस्ताना,
हर राह में खुशियों का तराना
वो साथ था जाना पहचाना
कहता हैं मुझे भूल जाना,
अपनी यादों में ना बसाना
देना चाहूँ हर ख़ुशी उसे,
इसीलिए, मिटाना चाहूँ दिल से
वो साथ था जाना पहचाना
तरुण चौधरी