Jisko chaha wo mila nahi….
Ab ye dil kisi aur ko chahe isko izzat nahi….
Jisko chaha wo mila nahi….
Ab ye dil kisi aur ko chahe isko izzat nahi….
Kuch begairat sawalon ke jwab hazir hain
Kuch bhooli bisri yaadein aaj bhi mutasir hain
Ek mashal jala kar chand dhundne chale the
Dekh lo tum bhi, vo kal bhi musafir the aaj bhi musafir hain…✨💯
कुछ बेगैरत सवालों के जवाब हाज़िर हैं,
कुछ भूली बिसरी यादें आज भी मुतासिर हैं,
एक मशाल जला कर चांद ढूंढने चले थे,
देख लो तुम भी, वो कल भी मुसाफिर थे आज भी मुसाफिर हैं…✨💯
अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-
“आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”
सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।
बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,
“तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”
उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-“यह सब क्या है ?”
सेठों के मुखिया ने कहा-
“जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”
बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।