Bhuleyaa ni me kita ohda koi v waada
oh taa haini par pale aj v ne ohdiyaa yaada
ਭੁਲਿਆ ਨੀ ਮੈ ਕਿਤਾ ਉਹਦਾ ਕੋਈ ਵੀ ਵਾਅਦਾ …..
ਉਹ ਤਾ ਹੇਨੀ ਪਰ ਪੱਲੇ ਅੱਜ ਵੀ ਨੇ ਉਹਦੀਆਂ ਯਾਦਾਂ
Bhuleyaa ni me kita ohda koi v waada
oh taa haini par pale aj v ne ohdiyaa yaada
ਭੁਲਿਆ ਨੀ ਮੈ ਕਿਤਾ ਉਹਦਾ ਕੋਈ ਵੀ ਵਾਅਦਾ …..
ਉਹ ਤਾ ਹੇਨੀ ਪਰ ਪੱਲੇ ਅੱਜ ਵੀ ਨੇ ਉਹਦੀਆਂ ਯਾਦਾਂ
देखती हु उन्हें रोज़ खिड़की से कुछ तलाश करते हुए शायद खुद की ज़मीर को खोजते हैँ
और खुद ही ना जवाब पाकर .. चुप चाप चले जातें हैँ
शायद वो समझ नी पाते जिसे वो खोजते वो उनका ज़मीर नी उनके अंदर का टुटा प्यार है ..
हर रोज़ बस अड़े पर दीखते हैँ वो ..
और फिर भी अपने घर से ना जाने कैसे मेरे घर तक आजाते हैँ .. आसमान मे देख कर कहते हैँ की..भूल जाता हूँ अपना घर
इश्क़ का नशा जो तेरा अब तक चढ़ा है ..
देखती हु वो बैग दिया हुआ मेरा .. आज तक अपने संघ रखते हैँ मानो जैसे कलेजे को ठंडक देने वाला जलजीरा हो ..या आँखों को सुलघाने वाला चमकता हीरा हो ..
पर बुधु जो हैँ इन सबमे अपना रुमाल ही भूल जाते हैँ .
जानती हु वो बस मुझे याद करते हैँ ..
तभी तो शीशे के सामने आने से हटते हैँ
अपनी शकल बता कर मेरी शकल भूलने से डरते हैँ
पहले सामने थे मेरे देखती हु अब ऊपर से वो इश्क़ जो मेरा था वो जो खो गया…..
Bhulne ni kade pal jo tere naa bataye
na chahunde hoye v sajjna supne tere hi aaye
na reha vas saaha te jis din de ne tere naal nain mlaye
ਭੁੱਲਣੇ ਨੀ ਕਦੇ ਪਲ ਜੋ ਤੇਰੇ ਨਾਂ ਬਤਾਏ
ਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋਏ ਵੀ ਸੱਜਣਾਂ ਸੁਪਨੇ ਤੇਰੇ ਹੀ ਆਏ
ਨਾ ਰਿਹਾ ਵੱਸ ਸਾਹਾ ਤੇ ਜਿਸ ਦਿਨ ਦੇ ਨੇ ਤੇਰੇ ਨਾ ਨੈਣ ਮਲਾਏ