Visit moneylok.com to learn about money
Zindagi Se badi Koi saza hi nahi ….
Mera jurm kya hai mujhe pata hi nahi …
Mai itne hisson me bant chuka hu …
Ke mere Hisse me Kuch bacha hi nahi …
जिंदगी से बड़ी कोई सजा ही नही …
मेरा जुर्म क्या है मुझे पता ही नही …
मैं इतने हिस्सों में बंट चुका हूं ….
के मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं ….
Kuch is kadar peechhe reh gayi hu zindagi ke is safar me ki
Waqt aage badh gaya hai or log bhi…
कुछ इस कदर पीछे रह गई हूँ ज़िन्दगी के इस सफ़र में कि
वक़्त आगे बढ़ गया हैं और लोग भी।।