चकना-चूर हुआ मैं ,तूने ही तो आके समेटा था मुझे
सबके बीच डूब रहा था सिर्फ तूने ही तो देखा था मुझसे ,
यादों मे बसर होके जब खुद को मर रहा था
एक तू ही तो थी जिसने रोका था मुझे ।
चकना-चूर हुआ मैं ,तूने ही तो आके समेटा था मुझे
सबके बीच डूब रहा था सिर्फ तूने ही तो देखा था मुझसे ,
यादों मे बसर होके जब खुद को मर रहा था
एक तू ही तो थी जिसने रोका था मुझे ।
रख सकों तो एक निशानी हूँ मैं खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं रोक ना पाए जिसको ये सारी दुनिया वो एक बूंद आँख का पानी हूँ मैं... सबको प्यार देने की आदत है हमें अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमें कितना भी गहरा जख़्म दे कोई उतना ही ज्यादा मुस्कुरानें की आदत है हमें.. इस अजनबी दुनिया में अकेला ख़्वाब हूँ मैं सवालों से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं जो समझ ना सके मुझे उनके लिए कौन जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं.. आँख से देखोगे तो खुश पाओगे दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं अगर रख सकों तो एक निशानी हूं मैं खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं...