सदा तुम नफरत करते हो ,पर तुमको मुझसे प्यार हैं
मेरा प्रेम हैं हल्का फुल्का , पर ये नफरत तुम पर ही भार हैं |
जो नफरत बन फुट पड़ी हैं , बस वही प्यार का सार हैं
चाहे जितनी शिद्दत कर लो , मुझको यह स्वीकार हैं ,
भैया तुम क्या जानो कितना प्यार मुझसे करते हो
अपने दिल के हाथों तुम , इतना क्यों बेजार हो
तेरे दर पर जब आउंगी क्या दूर खड़े ही पाओगे
निश्चल जड़ बन खड़े रहोगे , आँख में भर ना पाओगे |
मामा कह जब वे दौड़ेंगे ,क्या उन्हें गोद में न ले पाओगे
बच्चों की मुस्कान देख तुम , क्या निष्ठुर रह पाओगे
जब शादी होगी तेरी तो क्या जीजू से द्वेष मनाओगे
बहने करती हैं जो रश्मे ,वो किस्से करवाओगे
कोन करेगा टिका तेरा , हल्दी किससे लगवाओगे
बहन से होगी इतनी नफरत तो, गैरो से खाक निभाओगे
प्यार में ज्यादा शक्ति हैं या नफरत में हैं बताओगे
मैं तुम्हे चुनोती देती हैं , तुम नफरत करके दिखलाओगे
तुम गुस्से को मत शांत करो ,और नफरत मुझेसे करते रहना
स्नेह की अग्नि पावन हैं , तुम ही पिघलोगे ये कहती बहना
Tutte dil da ki kariye
rukdi nabaz da ki kariye
teriyaan gallan teriyaan yaadan da ki kariye
ajh puchh hi lawan sach rahi c
ehna hanjuaan da ki kariye
ਟੁਟੇ ਦਿਲ ਦਾ ਕੀ ਕਰੀਏ,
ਰੁਕਦੀ ਨਬਜ਼ ਦਾ ਕੀ ਕਰੀਏ,
ਤੇਰੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਤੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਦਾ ਕੀ ਕਰੀਏ
ਅੱਜ ਪੁਛ ਹੀ ਲਵਾਂ ਸੋਚ ਰਹੀ ਸੀ
ਇਹਨਾਂ ਹੂੰਝਆਂ ਦਾ ਕੀ ਕਰੀਏ।।
ਰੀਤੀਕਾ