Title: chupi
chupi was last modified: August 15th, 2022 by P Kumar
हर जुल्म की शान्ति के लिए,
हर ज़र्रे की रौशनी के लिए,
अब्र नुमा ज़िन्दगी के लिए,
ये कहानी हर उस शकस के लिए,
जो खुद को खुद का ही समझता है,
गुरूर को अपना सुरूर समझता है
अरे, मेरे खुदा के बनाए हुए बन्दों,
ज़िंदगी को जियो ज़रा जिंदगी जैसे,
क्यों परेशान करते रहते हो बिना वजह किसी मासूम को,
आह भी तो कुछ ऐसी चीज़ है, जो खुदा तक तो पहुँचती ही होगी,
उसे फ़रियाद करके!!!
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Mohabbat da taan pta nahi🤘🏻
Par usde chuthh bakmaal ne😼