मोहब्बत की ये इप्तिदा चाहता है,
मेरा इश्क तुझसे वफ़ा चाहता है,
ये आँखों के दरिया नशीले-नशीले,
इन आँखों में दिल डूबना चाहता है।
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मोहब्बत की ये इप्तिदा चाहता है,
मेरा इश्क तुझसे वफ़ा चाहता है,
ये आँखों के दरिया नशीले-नशीले,
इन आँखों में दिल डूबना चाहता है।
Jo kehnde c menu kade badli naa
Ajj khud badalde hoye nazar aa rhe ne..!!
ਜੋ ਕਹਿੰਦੇ ਸੀ ਮੈਨੂੰ ਕਦੇ ਬਦਲੀ ਨਾ
ਅੱਜ ਖੁੱਦ ਬਦਲਦੇ ਹੋਏ ਨਜ਼ਰ ਆ ਰਹੇ ਨੇ..!!