दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है,
ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है,
मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है,
वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है
Well done is better than well said
दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है,
ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है,
मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है,
वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है
जो भी दुख याद न था याद आया; आज क्या जानिए क्या याद आया; याद आया था बिछड़ना तेरा; फिर नहीं याद कि क्या याद आया; हाथ उठाए था कि दिल बैठ गया; जाने क्या वक़्त-ए-दुआ याद आया; जिस तरह धुंध में लिपटे हुए फूल; इक इक नक़्श तेरा याद आया; ये मोहब्बत भी है क्या रोग जिसको भूले वो सदा याद आया।