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Door da ishq || punjabi shayari

har ik bol te tera naa nikalda ae
tu dil mere ch vas gya
door da ishq taa sahi hi si
me tere kol aake fas gya

ਹਰ ਇੱਕ ਬੋਲ ਤੇ ਤੇਰਾਂ ਨਾਂ ਨਿਕਲਦਾ ਐਂ
ਤੂੰ ਦਿਲ ਮੇਰੇ ਚ ਵਸ ਗਿਆ
ਦੂਰ ਦਾ ਇਸ਼ਕ ਤਾਂ ਸਹੀ ਹੀ ਸੀ
ਮੈਂ ਤੇਰੇ ਕੋਲ ਆਕੇ ਫਸ ਗਿਆ

—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷

Title: Door da ishq || punjabi shayari

Tags:

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Hindi poetry || desh poetry कविता – शहादत के बोल

माथे पे तिलक लगाकर कूद पड़े थे अंग़ारो पे,
माटी की लाज के लिए उनके शीश थे तलवारों पे।
भगत सिंह की दहाड़ के मतवाले वो निर्भर नहीं थे किन्ही हथियारों पे,
अरे जब देशहित की बात आए तो कभी शक ना करो सरदारों पे॥
आज़ादी की थी ऐसी लालसा की चट्टानों से भी टकरा गये,
चंद आज़ादी के रणबाँकुरो के आगे लाखों अंग्रेज मुँह की खा गये।
विद्रोह की हुंकार से गोरों पे मानो मौत के बादल छा गये,
अरे ये वही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव है जिनकी बदौलत हम आज़ादी पा गये॥
आज़ादी मिली पर इंक़लाब की आग में अपने सब सुख-दुःख वो भूल गये,
जननी से बड़ी माँ धरती जिसकी ख़ातिर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु झूल गये॥
अब राह तक रही उस माँ को कौन जाके समझाएगा,
कैसे बोलेगा उसको की माँ अब तेरा लाल कभी नहीं आएगा।
बस इतना कहूँगा कि धन्य हो जाएगा वो आँचल जो भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सा बेटा पाएगा,
क्योंकि इस माटी का हर कण और बच्चा-बच्चा उसे अपने दिल में बसाएगा॥

Title: Hindi poetry || desh poetry कविता – शहादत के बोल


Lafzo ko to har koi sun leta hai || hindi shayari

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