
Ohnu door na kari metho allah mereya..!!

Teri yaad ch chalde saahan ne
Kise hor da naam nahio lena sajjna..!!
Rang chad geya gurha mohobbat da hun
Koshish karn te vi fikka nhio paina sajjna..!!
ਤੇਰੀ ਯਾਦ ‘ਚ ਚਲਦੇ ਸਾਹਾਂ ਨੇ
ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਦਾ ਨਾਮ ਨਹੀਂਓ ਲੈਣਾ ਸੱਜਣਾ..!!
ਰੰਗ ਚੜ ਗਿਆ ਗੂੜ੍ਹਾ ਮੋਹੁੱਬਤ ਦਾ ਹੁਣ
ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਵੀ ਫਿੱਕਾ ਨਹੀਂਓ ਪੈਣਾ ਸੱਜਣਾ..!!
तन पर खराब पुराने कपड़े होते हैं,
पैर मिट्टी में पूरी तरह सने होते हैं,
कड़ी सुलगती धूप में काम करते हैं जो,
ये कोई और नहीं सिर्फ किसान है वो,
धरती की छाती हल से चीर देते हैं,
हमारे लिए अन्न की फसल उगा देते हैं,
किसान अपनी फसल से बहुत प्यार करते हैं,
गरमी, सरदी, बरसात में जूझते रहते हैं,
मान लेते हैं की किसान बहुत गरीब होते हैं,
हमारी थाली में सजा हुआ खाना यही देते हैं,
इनके बिना हमें अनाज कभी मिल नहीं पाता,
दौलत कमा लेते पर कभी पेट न भर पाता,
भूमि को उपजाऊ बनाने वाले किसान है,
हमारे भारत का मान, सम्मान और शान हैं,
ये सच्ची बात सब अच्छे से जानते हैं,
किसान को हम अपना अन्नदाता मानते हैं,
हम ये बात क्यों नहीं कभी सोचते हैं,
गरीब किसान अपना सब हमें देते हैं,
हम तो पेट भर रोज खाना खा लेते हैं,
किसान तो ज्यादतर खाली पेट सोते हैं,
तरुण चौधरी