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Dost || hindi poetry

सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं
लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं
दिल की गिनती न यगानों में न बेगानों में
लेकिन उस जल्वा-गह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं
मेहरबानी को मोहब्बत नहीं कहते ऐ दोस्त
आह अब मुझ से तिरी रंजिश-ए-बेजा भी नहीं
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
आज ग़फ़लत भी उन आँखों में है पहले से सिवा
आज ही ख़ातिर-ए-बीमार शकेबा भी नहीं
बात ये है कि सुकून-ए-दिल-ए-वहशी का मक़ाम
कुंज-ए-ज़िंदाँ भी नहीं वुसअ’त-ए-सहरा भी नहीं
अरे सय्याद हमीं गुल हैं हमीं बुलबुल हैं
तू ने कुछ आह सुना भी नहीं देखा भी नहीं
आह ये मजमा-ए-अहबाब ये बज़्म-ए-ख़ामोश
आज महफ़िल में ‘फ़िराक़’-ए-सुख़न-आरा भी नहीं
ये भी सच है कि मोहब्बत पे नहीं मैं मजबूर
ये भी सच है कि तिरा हुस्न कुछ ऐसा भी नहीं
यूँ तो हंगामे उठाते नहीं दीवाना-ए-इश्क़
मगर ऐ दोस्त कुछ ऐसों का ठिकाना भी नहीं
फ़ितरत-ए-हुस्न तो मा’लूम है तुझ को हमदम
चारा ही क्या है ब-जुज़ सब्र सो होता भी नहीं
मुँह से हम अपने बुरा तो नहीं कहते कि ‘फ़िराक़’
है तिरा दोस्त मगर आदमी अच्छा भी नहीं

Title: Dost || hindi poetry

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Sad jajbaat punjabi shayari

Koi Halaat nai samjhda
koi jajbaat nai samjhda
gusaa taan har koi dekh lainda
guse pichhe lukeya pyar koi na samjhda

ਕੋਈ ਹਲਾਤ ਨੀ ਸਮਝਦਾ,,😔
ਕੋਈ ਜਜ਼ਬਾਤ ਨੀ ਸਮਝਦਾ,,🙄
ਗੁੱਸਾ ਤਾਂ ਹਰ ਕੋਈ ਦੇਖ ਲੈਂਦਾ,,🤦
ਗੁੱਸੇ ਪਿੱਛੇ ਲੁਕਿਆ ਪਿਆਰ ਕੋਈ ਨੀ ਸਮਝਦਾ।।💔💔

Title: Sad jajbaat punjabi shayari


NASHWAR

Nashwar kalam meri, naswar ehde geet ne nashwar rang roop te nashwar eh jism hai hath jodh yaar nu namatan vinamr hai kyunki ohde karke pyaar mera amar hai

Nashwar kalam meri, naswar ehde geet ne
nashwar rang roop te nashwar eh jism hai
hath jodh yaar nu namatan vinamr hai
kyunki ohde karke pyaar mera amar hai