Dosti nahi pehli aas ho tum rishto me nahi vishvaas ho tum
pyaar bhare din ki shuruaat ho tum
दोस्ती नहीं पहली आस हो तुम रिस्तो में नहीं विश्वास हो तुम
प्यार भरे दिन की शुरुआत हो तुम
Dosti nahi pehli aas ho tum rishto me nahi vishvaas ho tum
pyaar bhare din ki shuruaat ho tum
दोस्ती नहीं पहली आस हो तुम रिस्तो में नहीं विश्वास हो तुम
प्यार भरे दिन की शुरुआत हो तुम
Udh rahe kabootar shehar me
enhe shant kaun karega
yadi ham shareef ho gaye
to kaandd kaon karega
उड़ रहे कबूतर शहर में,
इन्हे शांत कौन करेगा;
यदि हम शरीफ हो गए,
तो कांड कौन करेगा।
हजार बार माफ किया तुमने एक आखिरी दफा भी कर दो ना
दिल वीरान हो गया है तेरे जाने से एसे भर दो ना
तेरी खामोशिया पल-पल मारेगी मुझे
अपना समझ ही फिर अपना कर दो ना
लाख बुरा हूँ चाहे मैं
पर हूँ तो तेरा समझो ना ….. एक आखिरी दफा माफ करो दो ना ।
तुझसे दूर जाऊ भी तो जाऊ कैसे टूजसे मेरी रूह जुड़ गयी है
तुझे नाराज करके मेरी रूह मेरे जिस्म से उड़ गयी है ,
अपने गले लगा के कह दे की तू मेरी है
तुझे फिर देखने को मेरी आँख तरस गयी है ।