ए नसीब जरा एक बात तो बता,
तू सबको आज़माता है
या मुझसे ही दुश्मनी है 🥀
Enjoy Every Movement of life!
ए नसीब जरा एक बात तो बता,
तू सबको आज़माता है
या मुझसे ही दुश्मनी है 🥀
चार कदम चोर से , चार सौ
कदम चुगलखोर से हमेशा
दूरी बना के रखो |🙌
उल्टे सीधे सपने पाले बैठे हैं
सब पानी में काँटा डाले बैठे हैं
इक बीमार वसीयत करने वाला है
रिश्ते नाते जीभ निकाल बैठे हैं
बस्ती का मामूल पे आना मुश्किल है
चौराहे पर वर्दी वाले बैठे हैं
धागे पर लटकी है इज़्ज़त लोगों की
सब अपनी दस्तार सँभाले बैठे हैं
साहब-ज़ादा पिछली रात से ग़ायब है
घर के अंदर रिश्ते वाले बैठे हैं
आज शिकारी की झोली भर जाएगी
आज परिंदे गर्दन डाले बैठे हैं