Kehnda aaja kol mere
mohobat nu mukamal karn lai
eh taras reha hai dil mera
tainu apna banaun lai
ਕਹਿੰਦਾ ਆਜਾ ਕੋਲ਼ ਮੇਰੇ
ਮਹੋਬਤ ਨੂੰ ਮੁਕੰਮਲ ਕਰਨ ਲਈ
ਏਹ ਤਰਸ ਰੇਹਾ ਹੈ ਦਿਲ ਮੇਰਾ
ਤੈਨੂੰ ਆਪਣਾ ਬਣੋਨ ਲਈ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
Kehnda aaja kol mere
mohobat nu mukamal karn lai
eh taras reha hai dil mera
tainu apna banaun lai
ਕਹਿੰਦਾ ਆਜਾ ਕੋਲ਼ ਮੇਰੇ
ਮਹੋਬਤ ਨੂੰ ਮੁਕੰਮਲ ਕਰਨ ਲਈ
ਏਹ ਤਰਸ ਰੇਹਾ ਹੈ ਦਿਲ ਮੇਰਾ
ਤੈਨੂੰ ਆਪਣਾ ਬਣੋਨ ਲਈ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
Kinne chir ton nhi vekheya ohnu
Na hi hoyea hun kade kamli da zikar e
Pta nhi oh menu kade yaad kardi vi e
Ke $@ggi nu hi rehndi ohdi fikar e…
ਕਿੰਨੇ ਚਿਰ ਤੋ ਨਹੀਂ ਵੇਖਿਆ ਓਹਨੂੰ
ਨਾ ਹੀ ਹੋਇਆ ਹੁਣ ਕਦੇ ਕਮਲੀ ਦਾ ਜਿਕਰ ਏ
ਪਤਾ ਨੀ ਓ ਮੈਨੂੰ ਕਦੇ ਯਾਦ ਕਰਦੀ ਵੀ ਏ
ਕੇ $@ggi ਨੂੰ ਹੀ ਰਹਿੰਦੀ ਓਹਦੀ ਫਿਕਰ ਏ…
कॉलेज तक हम पर ना पढ़ाई की जिम्मेदारी रहती है , और उसके बाद घर की जिम्मेदारी आ जाती है । अपने सपनो को रख कर एक तरफ , अपनो के सपनो को पूरा करने की जिम्मेदारी आती है । क्या करे कोई अगर लाखो की भीड़ में एक शख्स अच्छा लगे , तो उसे भी ठुकराना पड़ता है । प्यार व्यार सब अच्छा नही यही बताकर दिल को अपने मनाना पड़ता है , कभी पढ़ाई की तो कभी घर की जिम्मेदारी से दिल उदास भी हो तो सामने रह कर सबके चेहरे से तो मुस्कुराना पड़ता है । हर किसी को परेशानी अपनी खुद ही पता होती है , वरना दूसरो को खुश चेहरा ही दिखता है । खुद के अलावा किसी को क्या पता की कोन रोज यहां कितनी मुश्किलों में उलझता सा है , छोटा मोटा काम करके घर का खर्चा निकालना होता है । कभी कभी नौबत ऐसी आती है की दस या पंद्रह हजार में , महीना सारा संभालना पड़ता है । यहां से वहा से ले लेकर बच्चो की ख्वाईशे भी पूरी करनी पड़ती है , कोई साथ नही देता यार यहां जिंदगी की ये लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ती है ।