Har saans lagtaa he… Ke… aakhiri he meri…
Har raat lagtaa he… Ke… Bikhar jaaunga…
Yaaro…
Woh ladki… Bohot gour se sunti he elaan mout ka…
Use pataa he… Ke… Ek din me marrr jaaunga…💯💔
Har saans lagtaa he… Ke… aakhiri he meri…
Har raat lagtaa he… Ke… Bikhar jaaunga…
Yaaro…
Woh ladki… Bohot gour se sunti he elaan mout ka…
Use pataa he… Ke… Ek din me marrr jaaunga…💯💔
ये साफ सफाई की बात नहीं, कोरोना ने लिखी खत।
इधर उधर थुकना मत।
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गंगा की गोद में चलती है नाव, मृत शरीर भी।
समय का गोद में खिलती है सभ्यता और जंगली जानवर का अँधा बिस्वास भी।
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बचपन मासूम कली।
फल बनना और बड़ा होना- काला दाग में अशुद्ध कलि।
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कीचड़ में भी कमल खिलता है।
अच्छे घर में भी बिगड़ा हुआ बच्चा पैदा होते है।
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इंसान का अकाल नहीं, इंसानियत की अकाल है।
डॉक्टर (सेवा) के अकाल नहीं, वैक्सीन (व्यवस्था) का अकाल है।
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कुत्ते समझते है के कौन इंसान और कौन जानवर है।
बो इंसान को देख के पूंछ हिलाते है और जानवर को देख के भूँकते है।
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जीविका से प्यारा है जिंदगी।
अगर साँस बंद है तो कैसे समझेंगे रोटी की कमी।
जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ..
मगर, किसी के भरोसे का फ़ायदा मत उठाओ